ग्रैंड न्यूज़ डेस्क। समीर वानखेड़े को क्रूज ड्रग्स केस में आर्यन खान के मामले से हटा दिया गया है। लेकिन वह मुंबई एनसीबी के जेडी बने रहेंगे। आर्यन खान केस की जांच के लिए दिल्ली से एक नए अधिकारी को भेजा जा सकता है। आर्यन और समीर खान का केस अब संजय सिंह देखेंगे।
समीर वानखेड़े को क्रूज ड्रग्स केस में आर्यन खान के मामले से हटा दिया गया है।छह मामलों की जांच से उन्हें हटाया गया है। लेकिन वह मुंबई एनसीबी के जॉइंट डायरेक्टर बने रहेंगे। आर्यन खान केस की जांच के अब दिल्ली एनसीबी की टीम करेगी। आर्यन और समीर खान का केस अब संजय सिंह देखेंगे। NCB की ओर से कहा गया है कि समीर वानखेड़े पर लगे आरोपों के कारण उन्हें इस मामले से हटाया गया है ताकि निष्पक्ष जांच हो सके।
एनसीबी दक्षिण-पश्चिमी क्षेत्र के उप महानिदेशक मुथा अशोक जैन ने कहा, “हमारे जोन के कुल 6 मामलों की अब दिल्ली की टीमें (एनसीबी की) जांच करेंगी, जिसमें आर्यन खान का मामला और 5 अन्य मामले शामिल हैं। यह एक प्रशासनिक निर्णय है।”
क्या बोले समीर वानखेड़े
इस मामले पर समीर वानखेड़े ने कहा, “मुझे जांच से नहीं हटाया गया है. अदालत में मेरी रिट याचिका थी कि मामले की जांच किसी केंद्रीय एजेंसी से कराई जाए. इसलिए आर्यन मामले और समीर खान मामले की जांच दिल्ली एनसीबी की एसआईटी करेगी. यह दिल्ली और मुंबई की एनसीबी टीमों के बीच एक समन्वय है. मुझे दिल्ली अटैच नहीं किया गया है। ”
उन्होंने आगे कहा, “दिल्ली एनसीबी की एक टीम इस फैसले के बाद शनिवार को मुंबई पहुंच रही है। आर्यन खान के मामले और 5 अन्य मामलों सहित मुंबई क्षेत्र के 6 मामलों की अब उनके द्वारा जांच की जाएगी। ड्रग्स के खिलाफ मैं अपने ऑपरेशन जारी रखूंगा। मेरे इस केस से अलग होने का ऑर्डर कल आएगा। ”
नवाब मलिक ने जाहिर की खुशी
वहीं लगातार समीर वानखेड़े पर निशाना साधते रहे महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक ने इस फैसले पर खुशी जाहिर की है. उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा, “आर्यन खान समेत पांच मामलों से समीर वानखेड़े को हटा दिया गया है. कुछ 26 मामले हैं, जिनकी जांच जरूरी है. यह सिर्फ शुरुआत है. अभी इस सिस्टम की सफाई के लिए बहुत कुछ करना है और हम यह करेंगे।”
महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक के आरोपों के बाद समीर वानखेड़े लगातार विवाद के केंद्र में रहे हैं और इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि आर्यन खान मामले में एनसीबी के गवाह प्रभाकर सेल ने उनके रिकॉर्ड और मामलों को संभालने पर सवाल उठाए.