रायपुर। छत्तीसगढ़ के झीरम नरसंहार को यूं ही नहीं भूला जा सकता। नक्सलियों की उस क्रुरता की गवाही झीरम घाटी आज भी दे रही है, लेकिन इन आठ सालों के बाद भी झीरम की घटना से पर्दा पूरी तरह नहीं उठ पाया है। इस मामले में केंद्र सरकार ने न्यायिक जांच आयोग का गठन किया था, जिसकी रिपोर्ट राज्यपाल को सौंप दी गई है।
अब इस मामले में कांग्रेस और भाजपा के बीच द्वंद युद्ध शुरु हो गया है। एक दिन पहले कांग्रेस ने जहां राज्यपाल को रिपोर्ट सौंपने पर आपत्ति दर्ज करते हुए कहा था कि यह मान्य प्रक्रिया का उल्लंघन है और राज्य सरकार को जानबूझकर नजर अंदाज किया जाना है, तो आज कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष मोहन मरकाम ने भाजपा प्रदेशाध्यक्ष विष्णुदेव साय की मांग पर जोरदार तंज किया है।
दरअसल, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष विष्णुदेव साय ने झीरम कांड की रिपोर्ट को लेकर बयान जारी किया है कि राज्य सरकार को अब इस मामले को सार्वजनिक कर देना चाहिए, ताकि प्रदेश की जनता भी उस नरसंहार की वास्तविकता से परिचित हो सके।
इस पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकान ने कहा कि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय केंद्रीय मंत्री, सांसद और विधायक जैसे पदों पर रह चुके हैं। राजकीय कार्य से परिचित हैं, उसके बावजूद भी उन्हें इस बात का ज्ञान नहीं है कि जब तक रिपोर्ट विधानसभा के पटल पर नहीं रखा जाता, सरकार किसी रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं कर सकती।
पीसीसी चीफ मरकाम ने भाजपा प्रदेशाध्यक्ष साय पर तंज कसते हुए कहा कि राजकीय प्रक्रिया क्या होती है, इसका ज्ञान होना चाहिए और उन्हें अक्ल भी होनी चाहिए कि बगैर प्रक्रिया के सरकार किसी भी बात को सार्वजनिक नहीं कर सकती।