केंद्र सरकार की ओर से पेट्रोल और डीजल पर टैक्स में कटौती और फिर भाजपा शासित राज्यों की ओर से वैट में कमी के बाद से ही विपक्षी दलों के शासन वाली सरकारों पर दबाव था। अब इसका असर दिखने लगा है। पंजाब के बाद अब राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने भी पेट्रोल और डीजल पर वैट घटाने का ऐलान कर दिया है। हालांकि उन्होंने अभी यह नहीं बताया है कि कितनी कमी की जाएगी। जोधपुर के एक गांव में आयोजित कार्यक्रम में अशोक गहलोत ने कहा, ‘सभी राज्यों ने जब कीमतों में कमी कर दी है तो फिर हम भी इसमें कटौती करेंगे।’ उन्होंने कहा कि हमारी सरकार भी पेट्रोल और डीजल पर वैट में कमी करके लोगों को राहत देने का काम करेगी।
इसके साथ ही उन्होंने एक बार फिर से केंद्र सरकार को ही ईंधन की बढ़ी कीमतों के लिए जिम्मेदार ठहराया है और कहा कि ज्यादा टैक्स के जरिए वह लोगों को लूटने का काम कर रही है। अशोक गहलोत ने कहा कि केंद्र सरकार ने बड़े पैमाने पर कीमत बढ़ाने के बाद मामूली राहत दी है। उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार इसी साल 29 जनवरी के बाद से अब तक पेट्रोल पर वैट में 3 रुपये और डीजल पर 3.8 रुपये की कटौती कर चुकी है। उन्होंने कहा कि इसके चलते राज्य सरकार को 2,800 करोड़ रुपये के राजस्व नुकसान का सामना करना पड़ा था।
बता दें कि अशोक गहलोत ने मंगलवार को ही पीएम नरेंद्र मोदी को खत लिखकर ईंधन पर एक्साइज ड्यूटी में और कटौती का सुझाव दिया था। इसके कुछ घंटों के बाद ही उन्होंने वैट में कटौती का ऐलान किया है। भाजपा नेताओं की ओर से लगातार कांग्रेस सरकार पर वैट में कटौती न किए जाने को लेकर निशाना साधा जा रहा है। पंजाब में पहले ही कांग्रेस सरकार वैट घटा चुकी है। ऐसे में सवाल उठ रहा था कि क्या चुनावी राज्य होने के चलते ही पंजाब में राहत दी गई है, जबकि राजस्थान और छत्तीसगढ़ में इस तरह का फैसला नहीं लिया गया है। माना जा रहा है कि इस दबाव के चलते ही राजस्थान सरकार ने अब कटौती का ऐलान किया है।