दिल्ली को यमुना के प्रदूषण से निजात नहीं मिल पा रही है। इसी के साथ हर साल दिवाली के मौके पर पंजाब, हरियाणा और दिल्ली में पराली जलाए जाने पर जो वायु प्रदूषण होता है उसका खामियाजा अलग से भुगतना पड़ता है। ऐसे मौके पर दिवाली के दौरान जलाए जाने वाले पटाखे उसमें और भी बढ़ोतरी कर देते थे। मगर सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद अब पटाखों पर तो बैन लग गया है मगर बाकी चीजें यथावत जारी है। यमुना में गंदे नालों का पानी उसी तरह से गिर रहा है, साथ ही हरियाणा और पंजाब में पराली जलाने पर भी पूरी तरह से रोक नहीं लग पाई है। जिसका नतीजा साफ दिखाई पड़ता है।
मालूम हो कि बीते दो-तीन दिनों से यमुना में अमोनिया की मात्रा में इजाफा हो गया है, यमुना में सफेद-सफेद झाग बड़े पैमाने पर तैरते हुए देखे जा सकते है। कवि कुमार विश्वास भी दो दिनों से इस चीज को देख रहे हैं और अपनी टिप्पणी कर रहे हैं। रविवार को समाचार एजेंसी एएनआइ के एक ट्वीट को रिट्वीट करते हुए उन्होंने लिखा था कि दिल्ली को एक और “फ़्री” सुविधा के लिए बधाई।अब तो यमुना में बादल भी उतार दिए, गली-गली मुफ़्त का नरक कोविड के दौरान दिखा ही दिया था।टैक्सपेयर्स के पैसे पर TV में कालनेमि-लाइव देखा ही होगा।अब पंजाब में यही कौशल दिखाने का अवसर दें “स्वराज-शिरोमणि लघुकाय आत्ममुग्ध धूर्तेश्वर” को। उनकी इस टिप्पणी को पढ़ने वाला आसानी से ये समझ सकता है कि उनका इशारा किसकी तरफ था। उसके बाद उन्होंने इसी एजेंसी की ओर से कालिंदी कुंज पर यमुना घाट में उमड़ रहे झाग की वीडियो को रिट्वीट किया था।