नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को कहा कि डीजल और पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क में कटौती का केंद्र सरकार का हालिया फैसला महंगाई के लिए काफी सकारात्मक कदम है। उन्होंने कहा कि सप्लाई साइड से खाद्य महंगाई को मैनेज किया गया है, मुख्य महंगाई अभी भी उच्च बनी हुई है। दास ने कहा कि खाद्य महंगाई कुल मिलाकर अब नियंत्रण में है।
गवर्नर ने कहा कि रिकवरी तेज हुई है और आगे भी विकास तेज गति से होगा। उन्होंने कहा कि हम इस वर्ष 9.5 फीसद की वृद्धि के अपने पूर्वानुमान को पाने की राह पर हैं, लेकिन वैश्विक प्रतिकूलताएं हैं ज्यादा दिखाई दे रही हैं।
उन्होंने कहा, ‘जहां तक भारत का संबंध है मूल महंगाई ऊंची बनी हुई है, और यह एक नीतिगत चुनौती है, हम मुख्य महंगाई की गति पर बहुत करीब से नजर रख रहे हैं।’ उन्होंने कहा कि ईंधन की महंगाई भी ऊंची बनी हुई है और आरबीआई इस पर करीब से नजर रखे हुए है।
अगले सप्ताह सरकारी बैंकों, वित्तीय संस्थानों के प्रमुखों के साथ बैठक करेंगी सीतारमण
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कोविड-19 महामारी से प्रभावित अर्थव्यवस्था के उत्पादक क्षेत्रों में कर्ज प्रवाह में नरमी को दूर करने के लिए अगले सप्ताह सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और वित्तीय संस्थानों के प्रमुखों के साथ बैठक करेंगी। 17 नवंबर से शुरू होने वाले इस दो दिवसीय सम्मेलन में सार्वजनिक क्षेत्र के सभी बैंक और वित्तीय संस्थान हिस्सा लेंगे। इसके अलावा, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, चोलामंडलम इन्वेस्टमेंट एंड फाइनेंस, श्रीराम ट्रांसपोर्ट फाइनेंस और टाटा कैपिटल सहित निजी क्षेत्र के शीर्ष छह कर्जदाताओं और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) के सीईओ भी मौजूद रहेंगे।
वित्त मंत्रालय ने बैंकों और वित्तीय संस्थानों के चेयरमैन और सीईओ को संबोधित एक पत्र में कहा कि दो दिवसीय सम्मेलन में अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों में सहज तरीके से ऋण के प्रवाह पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। सूत्रों के अनुसार, सम्मेलन में विभिन्न क्षेत्रों की व्यापक समीक्षा की जाएगी तथा आत्मनिर्भर भारत अभियान सहित सरकारी योजनाओं की प्रगति का जायजा लिया जाएगा।