ज़ीका वायरस ने इस वक्त भारत के उत्तरी राज्यों में क़हर मचाया हुआ है। कानपुर में कम से कम 105 लोग अभी तक इस बीमारी से ग्रस्त पाए गए हैं। इनमें से 55 पुरुष हैं और 34 महिलाएं। साथ ही इनमें से 23 मरीज़ ऐसे ही जिनकी उम्र 21 साल से कम है। बिगड़ती हुई स्थिति को देखते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बुधवार यानी 10 नवंबर को कानपुर का दौरा कर सकते है।
योगी आदित्यनाथ ने पहले अधिकारियों को ‘विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान’ (special communicable diseases control campaign) और ‘दस्तक’ अभियान को सक्रिय रूप से चलाने का निर्देश दिया था। जीका एक मच्छर जनित वायरस है जो संक्रमित एडीज प्रजाति के मच्छर के काटने से फैलता है, जो दिन में काटता है।
ज़ीका वायरस के संकेत और लक्षण
– हल्का बुख़ार
– त्वचा पर चकत्ते
– कंजक्टिवाइटिस
मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द
– सिरदर्द या बेचैनी
एक्सपर्ट्स का मानना है कि मच्छर के काटने के 3 से 14 दिनों के अंदर ज़ीका वायरस रोग के लक्षण दिखने लगते हैं। और यह लक्षण आमतौर पर 2 से 7 दिनों तक रहते हैं। WHO के अनुसार, ज़्यादातर लोग जिन्हें ज़ीका वायरस संक्रमण हो जाता है,
ज़ीका वायरस संक्रमण का इलाज क्या है?
अमेरिका के CDC के अनुसार, ज़ीका वायरस की कोई ख़ास दवा या वैक्सीन नहीं है। इसलिए अगर आपको इससे जुड़े लक्षण या संकेत महसूस हों, तो फौरन यह काम करें:
– लक्षण दिखने पर तुरंत इलाज शुरू करें।
– ज़्यादा से ज़्यादा आराम करें।
– शरीर में पानी की कमी न हो इसलिए खूब सारा तरल पदार्थ पिएं।
– बुख़ार और दर्द को कम करने के लिए एसिटामिनोफेन (टाइलेनॉल) जैसी दवा लें।
– रक्तस्राव के जोखिम को कम करने के लिए जब तक यह साबित न हो जाए कि डेंगू नहीं है, तब तक एस्पिरिन और अन्य गैर-स्टेरायडल विरोधी भड़काऊ दवाएं (एनएसएआईडी) न लें।
– अगर आप पहले से किसी बीमारी की दवाइयां ले रहे हैं, तो और दवाइयां लेने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह ज़रूर कर