कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद की किताब ‘Sunrise over Ayodhya’ पर हंगामा हो गया है। दरअसल खुर्शीद ने इस किताब में हिंदुत्व की तुलना आतंकी संगठन ISIS और बोको हरम से की है। खुर्शीद की ये किताब बुधवार को लॉन्च हुई है और 24 घंटे के अंदर ही उनके खिलाफ दिल्ली पुलिस में शिकायत हो गई है। इस मामले में विवेक गर्ग नाम के वकील ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर से केस दर्ज करने की अपील की है। खुर्शीद पर आरोप है कि उन्होंने हिंदुत्व को बदनाम करने की कोशिश की है।
खुर्शीद ने लिखा है, ‘हिंदुत्व साधु-सन्तों के सनातन और प्राचीन हिंदू धर्म को किनारे लगा रहा है, जो कि हर तरीके से ISIS और बोको हरम जैसे जिहादी इस्लामी संगठनों जैसा है।’ इसके तर्क में खुर्शीद ने कहा है कि हिन्दू धर्म उच्च स्तर का है। कोई हिंदू धर्म का अपमान करे तो भी मैं बोलूंगा। मेरा कहना है कि हिंदुत्व की राजनीति करने वाले गलत हैं और ISIS भी गलत है।
सुप्रीम कोर्ट ने निकाला समाधान
अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर सलमान खुर्शीद ने कहा है कि अयोध्या विवाद को लेकर समाज में बंटवारे की स्थिति थी। सुप्रीम कोर्ट ने उसका समाधान निकाला। ये ऐसा फैसला है कि जिससे ये ना लगे कि हम हारे, तुम जीते। वहीं BJP की तरफ इशारा करते हुए खुर्शीद ने कहा, ‘ये ऐलान तो नहीं हुआ कि हम जीत गए, लेकिन कभी-कभी ऐसे संकेत दिए जाते हैं। सबको जोड़ने की कोशिश होनी चाहिए। फिलहाल अयोध्या के उत्सव में ऐसा लगता है कि यह एक ही पार्टी का उत्सव है।’
तो फैसला कामयाब रहा
सलमान खुर्शीद ने लिखा है, ‘बेशक, हिंदुत्व समर्थक इसे इतिहास में अपने गौरव को मान्यता मिलने के तौर पर देखेंगे। न्याय के संदर्भ सहित जीवन कई खामियों से भरा है, लेकिन हमें आगे बढ़ने के लिए इसके साथ समायोजन की जरूरत है। यह किताब एक विवेकपूर्ण फैसले में उम्मीद देखने की कोशिश है, फिर भले ही कुछ लोगों को यह लगता हो कि फैसला पूरी तरह उचित नहीं था।’ किताब पर बात करते हुए सलमान खुर्शीद ने कहा कि समाज में एकता आएगी तो मानूंगा कि किताब लिखने का फैसला कामयाब रहा।
कांग्रेस अल्पसंख्यक समर्थक पार्टी
देश में हिंदुत्ववादी राजनीति के असर की चर्चा करते हुए खुर्शीद ने लिखा है, ‘मेरी पार्टी कांग्रेस में चर्चा अक्सर इस मुद्दे की तरफ मुड़ जाती है। कांग्रेस में एक ऐसा तबका है, जिसे इस बात पर पछतावा है कि हमारी छवि अल्पसंख्यक समर्थक पार्टी की है। इन्होंने अयोध्या पर कोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए यह घोषणा कर दी कि अब इस जगह पर भव्य मंदिर बनाया जाना चाहिए। इस रुख ने कोर्ट के आदेश के उस हिस्से की अनदेखी की, जिसमें मस्जिद के लिए भी जमीन देने के लिए कहा गया था।’