रायपुर। अभिनेत्री कंगना रनौत के एक बयान ने पूरे देश में आग लगा दिया है। कंगना ने भारत को 1947 में मिली आजादी को ‘भीख में मिली आजादी’ कहा है, जिसे लेकर देश में कांग्रेस सहित कई राजनीतिक दलों के नेताओं ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। छत्तीसगढ़ में भी इस मामले को लेकर कंगना के खिलाफ माहौल बना हुआ है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जहां कंगना के बयान पर कहा कि उन्हें सार्वजनिक तौर पर माफी मांगनी चाहिए, तो राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक ने शिकायत दर्ज कराने पर कार्रवाई की बात कही है।
छग राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक ने कहा कि देश की आजादी के मायनों को देश का अनपढ़, निरक्षर और बच्चा भी जानता है, समझता है और उसका सम्मान करता है। देश को आजाद कराने कितनी मेहनत, कितना बलिदान दिया गया है, इसकी समझ जिसे नहीं है, वह देश के इतिहास को नहीं जानता।
डॉ. नायक ने कंगना पर हमला बोलते हुए कहा कि यह उनकी मानसिक दिवालियापन के लक्षण हैं। कंगना को मिले पद्मश्री पुरस्कार पर डॉ0 किरणमयी नायक ने कहा कि उन्हें इसी तरह के बयानबाजी के लिए सम्मानित किया गया है। देश के राष्ट्रपति को चाहिए कि खुद से इस मामले में संज्ञान लेकर उनसे पद्मश्री सम्मान वापस ले लें।