रायपुर। मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने आज मुख्यमंत्री निवास कार्यालय के केबिनेट हॉल में खाद्य, सहकारिता, कृषि, मार्कफेड, नागरिक आपूर्ति निगम के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक लेकर राज्य में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की तैयारियों की गहन समीक्षा की। मुख्य सचिव ने अधिकारियों को हर हाल में 28 नवम्बर तक राज्य के सभी उपार्जन केन्द्रों में धान खरीदी की पुख्ता व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि एक दिसम्बर से धान खरीदी को ध्यान में रखते हुए सभी समितियों में बारदाने की पर्याप्त व्यवस्था की जानी चाहिए।
Read More : BIG BREAKING NEWS : अब प्रदुषण की वजह से राजधानी में लग सकता है LOCKDOWN, मिल रहे संकेत
उन्होंने समितियों को बारदाने की आपूर्ति करते समय अधिकारियों को इस बात का विशेष रूप से ध्यान रखने के निर्देश दिए कि जिन समितियों में धान की आवक ज्यादा होती है, वहां बारदाना आपूर्ति अधिक संख्या में की जाए। किसानों से खरीदे जाने वाले धान के एवज मेें एक दिसम्बर से ही राशि का भुगतान किसानों के खाते में किए जाने के भी निर्देश अधिकारियों को दिए गए। बैठक में मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू, सहकारिता सचिव हिमशिखर गुप्ता, खाद्य सचिव टी.के. वर्मा, राजस्व सचिव एन.एन.एक्का, मार्कफेड की प्रबंध संचालक श्रीमती किरण कौशल, नान एमडी निरंजन दास सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
त्रुटि सुधार करने सख्त निर्देश
मुख्य सचिव जैन ने राज्य में समर्थन मूल्य पर धान विक्रय के लिए पंजीयन कराने वाले कृषकों की संख्या और पंजीकृत रकबे के बारे में भी अधिकारियों से जानकारी ली। मुख्य सचिव ने कृषि एवं राजस्व विभाग के अधिकारियों को दो दिन के भीतर सोसायटीवार पंजीयन रकबे का मिलान और त्रुटि सुधार करने के कड़े निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पोर्टल में यदि किसी किसान का रकबा शो नहीं हो रहा है अथवा त्रुटि पूर्ण है, तो उसे दुरूस्त किया जाना चाहिए।
Read More : CG NEWS : भूपेश कैबिनेट की बैठक 22 नंवबर को, पेट्रोल—डीजल पर अह्म फैसले के आसार, कई जरुरी मसलों पर होगी चर्चा
मुख्य सचिव ने अधिकारियों को राज्य की सभी सीमाओं, सीमावर्ती सोसायटियां और ऐसी सोसायटियां जहां बीते वर्षों में धान की शार्टेज की मात्रा अधिक है, वहां विशेष निगरानी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। बैठक में किसानों से धान उपार्जन के लिए टोकन व्यवस्था को लेकर भी चर्चा की गई। मुख्य सचिव ने सभी सोसायटियों में धान खरीदी की व्यवस्था पर निगरानी के लिए नोडल अधिकारी तैनात करने के भी निर्देश दिए गए।
धान खरीदी में ना आए दिक्कत
मुख्य सचिव ने सोसायटियों में धान खरीदी के लिए चबूतरों के निर्माण की स्थिति की भी समीक्षा की। उन्होंने कहा कि धान खरीदी के पूर्व चबूतरों का निर्माण अनिवार्य रूप से पूर्ण हो जाना चाहिए और सभी चबूतरों का उपयोग धान खरीदी में हो, यह सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने अधिकारियों को समिति स्तर पर गठित निगरानी समितियों के सदस्यों एवं कृषक प्रतिनिधियों की बैठक धान खरीदी से पूर्व अनिवार्य रूप से आयोजित करने और किसानों से संबंधित समस्याओं का निदान करने के भी निर्देश दिए।
Read More : प्रदेश के इस मंदिर में जाते ही हर भक्त हो जाता है धनवान, प्रसाद में मिलते है सोना-चाँदी के गहने
मुख्य सचिव ने कहा कि समितियों में सुचारू रूप से धान खरीदी हो, यह राज्य शासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने अधिकारियों को धान खरीदी की हर व्यवस्था पर कड़ी निगरानी रखने और किसी भी तरह की कमी न आने देने के निर्देश दिए। धान के कोचियों, दलालों और अन्य राज्यों से धान के अवैध परिवहन के कारोबार में संलिप्त लोगों की पहचान करने और उन पर कड़ी कार्यवाही के निर्देश दिए।
धान खरीदी के लिए 21 हजार करोड़ रूपए की व्यवस्था
बैठक में खाद्य विभाग के सचिव टी.के. वर्मा ने बताया कि राज्य में इस साल 105 लाख मीटरिक टन धान की खरीदी का अनुमान हैं। इस साल धान बेचने के लिए नए पंजीकृत कृषकों की संख्या में एक लाख 49 हजार की वृद्धि हुई है। मार्कफेड की प्रबंध संचालक श्रीमती किरण कौशल ने बताया कि इस साल धान खरीदी के लिए 21 हजार करोड़ रूपए की व्यवस्था की गई है। किसानों को धान खरीदी के पहले दिन से ही भुगतान शुरू कर दिया जाएगा।