भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल का हबीबगंज रेलवे स्टेशन सोमवार से रानी कमलापति स्टेशन के नाम से जाना जाएगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 15 नवंबर को इस विश्वस्तरीय रेलवे स्टेशन का लोकार्पण करेंगे। इससे पहले नाम परिवर्तन की प्रक्रिया को पूरा कर लिया गया है और केंद्र सरकार ने इस प्रस्ताव को पारित करते हुए हरी झंडी दे दी है। बता दें रानी कमलापति भोपाल की अंतिम गोंड आदिवासी शासक थीं।
देश के पहले विश्वस्तरीय बने इस रेलवे स्टेशन पर अब यात्रियों को शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, हॉस्पिटल, मॉल, स्मार्ट पार्किंग, हाई सिक्योरिटी समेत कई आधुनिक सुविधाएं मिलेंगी। भोपाल के नवाब की बेगम ने यहां की हरियाली और झीलों के बीच बसे इस गांव का नाम हबीबगंज रखा था। जब रेलवे लाइन बिछाई गई, तब इटारसी-भोपाल के बीच बुधनी, बरखेड़ा, औबेदुल्लागंज और मंडीदीप स्टेशन बनाए गए थे। इसके एग्रीमेंट में था कि यह रेल लाइन ब्रॉडगेज होगी।
1979 में बना था हबीबगंज रेलवे स्टेशन
1947 में आजादी के बाद भारतीय रेल का 55 हजार किलोमीटर का नेटवर्क था। 1952 में मौजूदा रेल नेटवर्क को एडमिनिस्ट्रेटिव पर्पज के लिए 6 जोन में डिवाइड किया गया। इसके बाद कई स्टेशन बनाए गए। इनमें हबीबगंज भी शामिल था। हबीबगंज रेलवे स्टेशन का निर्माण 1979 में किया गया।