हवाएं इंसान को जिंदगी देती है, लेकिन तभी, जब साफ—सुथरी हो। किंतु भारत की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की हवा में जहर घुल चुका है। देश में एकमात्र दिल्ली ही नहीं, बल्कि कई ऐसे शहर हैं, जिनकी हवा बुरी तरह प्रदूषित हो चुकी है और प्राणवायु के बदले मौत की बयार बह रही है। इसके पीछे वजह प्रकृति से खिलवाड़ है, जिसका हर्जाना भुगतना पड़ रहा है। और अब इस मुसीबत से निजात पाने के लिए दिल्ली सरकार के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सुप्रीमकोर्ट में हलफनामा दाखिल करते हुए संपूर्ण लॉकडाउन के लिए अपनी तैयारी का दंभ भरा है।
दरअसल, दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दाखिल करके बताया कि प्रदूषण को रोकने के लिए वे संपूर्ण लॉकडाउन जैसे कदम उठाने को पूरी तरह तैयार हैं। साथ में सरकार ने यह भी कहा है कि ऐसे कदमों से सिर्फ कुछ समय का असर पड़ेगा। केजरीवाल सरकार ने बताया कि दिल्ली के साथ NCR क्षेत्र में भी लॉकडाउन लगाने की जरूरत है, तभी ऐसे कदमों का असर पड़ेगा। वहीं, केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि दिल्ली और उत्तरी राज्यों में वर्तमान में पराली जलाना प्रदूषण का प्रमुख कारण नहीं है क्योंकि यह प्रदूषण में केवल 10% योगदान देता है।
दिल्ली की एयर क्वालिटी में रविवार को कुछ सुधार आया। शनिवार को AQI 437 था, जबकि रविवार का 24 घंटे का औसत AQI 330 रहा। एयर क्वालिटी ट्रैक करने वाली वेबसाइट सफर का दावा है कि हवा की गुणवत्ता में यह सुधार हरियाणा और पंजाब में पराली जलाने की गतिविधियों में गिरावट आने के बाद हुआ है। शुक्रवार को AQI 471 था, जो इस मौसम में अब तक का सबसे खराब था। सफर ने यह भी बताया कि 16 नवंबर की रात से प्रदूषण बढ़ने की आशंका है।