बलरामपुर। जिले में हुए ट्रिपल मर्डर की गुत्थी को पुलिस ने सुलझा लिया है। हत्या के 116 दिन बाद पुलिस ने आरोपी को मध्य प्रदेश के मंडला से गिरफ्तार किया है। आरोपी ने पुलिस को बताया कि हत्या की वारदात को अंजाम देने के बाद वह अपने पाप को धोने गंगा में नहाने गया और कई तीर्थ स्थानों में भी घुमा। आरोपी ने अपनी पत्नी को अपने पिता के साथ अवैध संबंध होने के शक में मारना बताया। वहीं अपनी प्रेमिका को समोसा की चटनी में नींद की गोली खिलाकर और अपनी बेटी को चाकू से लगा रेतकर मारने की जानकारी दी।
पुलिस अधीक्षक कृष्णकुमार साहू ने बताया कि 21 जुलाई को वाड्रफनगर के गौटिया पारा में एक किराए के घर में ललिता देवांगन की लाश मिली थी। घटनास्थल के आसपास निवासरत लोगों से पूछताछ के बाद पुलिस रघुनाथनगर थाना क्षेत्र के ग्राम सोनहत पहुंची थी। वहां आरोपी छत्रपति वर्मा (32) के मकान में ताला लगा था। पुलिस ने ताला तोड़कर घर के अंदर देखा तो वहां गायत्री वर्मा और बच्ची किरन की लाश मिली थी। पुलिस को मौके पर हत्या के संबंध में एक पर्ची भी मिली थी, जिसमें कई और लोगों को मारने की बात लिखी हुई थी। पुलिस ने अपराध पंजीबद्ध कर छत्रपति की तलाश शुरू की।
आरोपी को गिरफ्तार करने टीम गठित कर उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तराखंड रवाना किया गया था। आखिरकार आरोपी को मध्य प्रदेश के मंडला में सोमवार को गिरफ्तार कर लिया गया। हत्या के बाद छत्रपति घर से रुपए लेकर निकला था और जगह-जगह छिपकर रह रहा था।
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तो इसलिए की प्रेमिका की हत्या
पुलिस ने बताया कि आरोपी छत्रपति वर्मा का ललिता देवांगन से प्रेम संबंध था। ललिता ने आरोपी को एक घड़ा सोने का सिक्का देने की बात कही थी। छत्रपति उसका पूरा खर्चा भी उठाता था, लेकिन सोने का सिक्का नहीं दे रही थी। इसलिए आरोपी ने समोसा की चटनी में नींद की गोली मिलाकर खिलाया और बेहोश होने पर चाकू से गला रेतकर उसकी हत्या कर दी। इसके बाद अपने गांव पहुंचकर अपनी पत्नी गायत्री को अपने पिता से अवैध संबंध होने के शक में नींद की गोली खिलाकर मार डाला। अपनी बेटी किरन को भी चाकू से गला रेतकर मारना बताया।