महासमुन्द। अनुदान प्राप्त स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के साथ अमानवीय व्यवहार किया जा रहा है। जिसे लेकर तीन माह से पालक कलेक्टर और शिक्षा विभाग के दफ्तरों के चक्कर लगा रहे थे। वहीँ अब बच्चों के भविष्य को लेकर चिंतित पालकों ने टीसी निकलवाया है।
मिली जानकारी के अनुसार जिले के सरायपाली ब्लॉक के ग्राम पतेरापाली के बेसिक बापूजी प्राथमिक शाला अशासकीय अनुदान प्राप्त स्कूल में पढऩे वाले बच्चों के पालकों ने अपने 27 बच्चों को लेकर कलेक्टर से फरियाद करने पहुंचे थे। पालकों ने कलेक्टर से लिखित में निवेदन किया है कि इस अनुदान प्राप्त स्कूल को बंद कर बच्चों के भविष्य को देखते हुए नया स्कूल खोलने का निवेदन किया है।
बच्चों से करवा रहे है टायलेट की सफाई
बेसिक बापूजी प्राथमिक शाला पतेरापाली स्कूल में बच्चों से ही टायलेट की सफाई और झाडू पोछा करवाया जा रहा है। सुविधा विहिन अनुदान प्राप्त इस प्रशामिक शाला में पढऩे वालों बच्चों के पालकों ने इस स्कूल से अपने बच्चों को स्थानातंरण पत्र तक निकलवा लिया है।
पालकों के चेहरे पर मायूसी
बता दें कि पिछले तीन महीने बच्चें स्कूल नहीं जा रहे हैं। बच्चों के भविष्य को लेकर पालकों के चेहरे पर मायूसी नजर आ रही है। पालकों ने कहा कि अगर शिक्षा विभाग और जिला प्रशासन उनकी बता नहीं सुनता है, तो पालकों को बच्चों के भविष्य के लिए सडक़ की लड़ाई लडऩी पड़ेगी।
3 माह पहले हुई थी शासकीय स्कूल की मांग
ग्राम पतेरापाली के अनुदान प्राप्त प्राथमिक शाला में पढऩे वाले बच्चों के पालक जिलाधीश से 3 माह पहले भी मिलकर शासकीय स्कूल की मांग किया था। जिला शिक्षा कार्यालय और कलेक्टर ने तब उन्हें कहा था कि पिछले 10 दिनों के भीतर ही शासकीय स्कूल की व्यवस्था कर दी जायेगी, पर अब तक ऐसा नहीं हो सका। पालकों ने आज फिर तीन माह बाद कलेक्टर से शासकीय प्राथमिक शाला प्रारंभ करने का निवेदन लेकर पहुंचे थे। पालकों ने अपने बच्चों का स्थानातंरण प्रमाण पत्र भी स्कूल से निकलवा लिया है।