रायपुर आकर्षक व्यक्तित्व के धनी, अति कर्मठ, प्रखर वक्ता, कुशल अधिवक्ता एवं शतरंज के संस्थापक के रूप में अपनी छाप छोड़ने वाले शतरंज प्रेमी मरहूम हैदर अली साहब की 39 वीं पुण्यतिथि पर छत्तीसगढ़ प्रदेश शतरंज संघ द्वारा भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई ।
छत्तीसगढ़ प्रदेश शतरंज संघ के महासचिव विनोद राठी ने उनके योगदान का उल्लेख करते हुए कहा कि वे छत्तीसगढ़ में शतरंज के पितृपुरुष थे। उनके संरक्षण और मार्गदर्शन में शतरंज का फैलाव छत्तीसगढ़ में हुआ। राठी जी ने आगे कहा कि वे जिंदादिल इंसान थे । मुझे फ़ख्र है कि मुझे उनका सान्निध्य मिला । 1974 में जब मैं शतरंज खेलने रायपुर जाया करता था तो उन दिनों शतरंज का सबसे बड़ा अड्डा सदर बाजार स्थित उनका निवास हुआ करता था। पूरे छत्तीसगढ़ का केंद्रबिंदु रहा है उनका निवास व कार्यालय। यहीं से हमारी शतरंज यात्रा की शुरुआत हुई थी शतरंज को प्रदेश में आगे बढ़ाने में जनाब हैदर अली साहब व स्व.बी के वर्मा साहब द्वारा दिए गए अतुलनीय योगदान सदैव याद रहेंगे । शतरंज संघ के जनक रहे हैदर अली साहब का जीवन सदैव सभी संघों के लिए प्रेरणा स्रोत रहेगा।
उन दिनों वहाँ पर जाने वाले शतरंज के प्रमुख खिलाड़ियों में स्व.बी के वर्मा जी ( पूर्व सरंक्षक मध्यप्रदेश शतरंज संघ ) दादा सुधीर मुखर्जी जी ,शब्बीर मोहम्मद जी,अब्दुल गनी,आहूजा जी ,हरीश भाई व उनकी टीम आदि शामिल है। हैदर अली जी के सुपुत्र डॉ जावेद सुप्रसिद्ध हृदयरोग विशेषज्ञ हैं रायपुर के रामकृष्ण केयर हॉस्पिटल में। डॉ जावेद जी भी शतरंज के जाने माने खिलाड़ी राष्ट्रीय खिलाड़ी रहे है अपने समय के।
इनके समकालीन खिलाड़ी में ख्यातनाम श्री गुरुचरण सिंह होरा जी(सचिव छत्तीसगढ़ ओलंपिक संघ) व श्री अनिल टुटेजा जी(आई ए एस)।प्रमुख है। आज 16 नवम्बर को उनकी 39 वीं स्मृति के अवसर पर छत्तीसगढ़ ओलंपिक संघ के सचिव व छत्तीसगढ़ प्रदेश शतरंज संघ के संरक्षक श्री गुरुचरण सिंह होरा जी ने रायपुर जिला शतरंज संघ के तत्वावधान में प्रदेश स्तरीय शतरंज स्पर्धा रायपुर में कराने की घोषणा की।