रायपुर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज कार्तिक पूर्णिमा और गुरुनानकदेव जी की जयंती पर उन तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा की है, जिसे लेकर देश में पूरे एक साल से बवाल मचा हुआ है। देश की राजधानी दिल्ली के बॉर्डर पर तैनात कथित किसानों ने सालभर पहले लागू किए गए तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए मोर्चा खोल रखा था।
गांधीवादी आंदोलन ने एक बार फिर अपनी ताक़त दिखाई है।
केंद्र सरकार को तीन काले क़ानूनों को वापस लेने पर बाध्य करने के लिए देश के किसानों को बधाई।
यह किसानों की ही नहीं, अन्याय के खिलाफ लोकतंत्र की जीत है।
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) November 19, 2021
इन तीनों कृषि कानूनों को लेकर विपक्षी दल कांग्रेस ने भी शुरु से ही विरोध की रणनीति अपनाई थी। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी उन तीनों कानूनों को लेकर कहा था कि ये कानून किसानों के हक में नहीं है, लिहाजा वापस लिया जाना चाहिए। वहीं इन कानूनों को प्रदेश में लागू किए जाने पर भी ऐतराज जताया था।
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देश में कृषि कानूनों को लेकर जारी विरोध के बाद आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश के नाम संबोधन में इन कानूनों को वापस लिए जाने की घोषणा कर दी है, जिसके बाद छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ट्विटर पर लिखा है कि ‘यह किसानों की ही नहीं, अन्याय के खिलाफ लोकतंत्र की जीत है।’