सिखों के प्रथम गुरु गुरु नानक देव सिंह जी का प्रकाश पर्व शहर के गुरुद्वारे में धूमधाम के साथ मनाया गया। इस अवसर पर गुरुद्वारे में दीवान सजा और रागी जत्थे ने मौजूद संगत को निहाल किया। सुबह से ही गुरुद्वारे में भक्तों का आना शुरू हो गया। पूरे दिन गुरुद्वारे में लंगर चला जिसमें पहुंचे श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया।
गरियाबंद- नगर स्थित गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा परिसर में सुबह से ही महिलाओं ने कीर्तन-भजन के साथ कोरोना से पूरे विश्व को उबारने की प्रार्थना की गई। दिनभर गुरु का लंगर छकने का दौर चलता रहा। गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष सूरजीत सिंह कुकरेजा ने कहा कि प्रकाश पर्व गुरु नानक जी के जन्म की खुशी में मनाया जाता हैं।
सिक्खों के प्रथम गुरु नानक देव जी का जन्म 15 अप्रैल 1469 को राय भोई की तलवंडी (राय भोई दी तलवंडी) नाम की जगह पर हुआ था, जो अब पाकिस्तान के पंजाब प्रांत स्थित ननकाना साहिब में है। इस जगह का नाम ही गुरु नानक देव जी के नाम पर पड़ा। श्री राम माखीजा ने कहा कि गुरु नानक जी ने अपना पूरा जीवन मानवता की सेवा में लगा दिया। उन्होंने सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि अफगानिस्तान, ईरान और अरब देशों में भी जाकर उपदेश दिए। गुरु नानक जी सिख समुदाय के संस्थापक और पहले गुरु थे। इन्होंने ही सिख समाज की नींव रखी।
इनके अनुयायी इन्हें नानक देव जी, बाबा नानक और नानकशाह कहकर पुकारते हैं। बलदेव सिंह हूँदल ने कहा हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी गुरुनानक देव की जयंती पर गुरुद्वारा प्रबंधन की ओर से लंगर का कार्यक्रम रखा गाय है जिसमें हज़ारों लोग इस कार्यक्रम में शामिल होंगे इस साथ ही कीर्तन किया जाएगा..
इस कार्यक्रम दौरान गुरुद्वारा के मुखीया श्री राम माख़िज़ा बलदेव सिंह हूँदल, अध्यक्ष सूरजीत सिंह कूकरेज़ा रमन कुकरेजा सुनील रोहरा विकास रोहरा अजय रोहरा रवी रोहरा सौरभ देवाँगन हरमेश चौवड़ा केशु सिन्हा अमित ठक्कर आशीष ठक्कर प्रकाश शरवैय्या वंश चावड़ा श्रीमती परमजीत कौर कुकरेजा, नरेंद्र कौर कुकरेजा इंद्रप्रीत कौर कुकरेजा इसप्रीत सरबजीत कौर कुकरेजा दलविंदर कौर कुकरेजा माधवी सरवैय्या रोमा सरवैय्या आशा रोहरा आरती रोहरा रानी हूँदल दलवींदर कौर रेणु राठौर महक दासवानी सपना रोहरा भूमिका रोहरा गुरुनूर कुकरेजा जैसलीन कूकेरजा तमाम श्रद्धालुओं ने सुबह से ही गुरुद्वारे परिसर में पूजा की।