देश में कोरोना की मार ऐसी थी कि 20 माह बाद भी हम सामान्य स्थिति में नहीं आ पाए हैं। कोरोना का खतरा अब भी सिर पर मंडरा रहा है। वैक्सीनेशन से हालात काफी अच्छी स्थिति में आ चुका है, लेकिन खौफ से पूरी मुक्ति अभी नहीं मिली है, जिसकी वजह से शासन—प्रशासन भी फूंक—फूंककर कदम बढ़ा रहा है। खासतौर पर तीसरी लहर की आशंकाओं की वजह से, जिसे बच्चों के लिए ज्यादा खतरनाक बताया गया है।
नियंत्रित होते हालात को देखते हुए अब 20 माह से बंद पड़े स्कूलों को खोलने का निर्णय लिया गया है। इसी बीच पश्चिम बंगाल के हुगली जिले से खबर सामने आई है, जहां पर उत्तरपाड़ा इलाके में संचालित एक स्कूल को खोला गया। स्वाभाविक तौर पर बच्चों के लिए खुशी का पल है, ऐसे में वे अपने भीतर के उन्माद को नहीं रोक पाते।
ताजा मामले में उत्तरपाड़ा के अमरेंद्र विद्यापीठ में कक्षा 10 वीं का छात्र सुभोजित मन्ना लंच टाइम में अपनी खुशी का इजहार टिफिन डब्बे को बजाकर कर रहा था, इसी बीच स्कूल के शिक्षक गौतम रुईदास ने उसके गाल पर एक झन्नाटेदार थप्पड़ जड़ दिया। इसकी शिकायत लेकर प्रिंसिपल के पास से लौट रहे छात्र को शिक्षक ने दोबारा थप्पड़ जड़ दिया।
थप्पड़ इतना जोरदार था कि छात्र के कान में दर्द उमड़ पड़ा। इसके बाद जब परिजनों ने डॉक्टर की सलाह ली, तो प्राथमिक उपचार के बाद डॉक्टरों ने कुछ हफ्ते तक देखने के बाद यदि दर्द ठीक नहीं होता है, तो सर्जरी की सला दी है।