देश में शराब प्रेमियों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। बात देशी की हो या फिर अंग्रेजी शराब की, पूरे साल डिमांड बरकरार रहती है। महंगी होने के बावजूद शराब की खपत कभी कमजोर नहीं पड़ती, इसके बावजूद महाराष्ट्र सरकार ने आबकारी शुल्क की दर में 50 प्रतिशत कटौती कर दी है। यह एक तरफ जहां मदिरा प्रेमियों के लिए राहत की खबर है, तो दूसरी तरफ नक्कालों और तस्करों के गाल पर जोरदार तमाचा भी है।
महाराष्ट्र सरकार ने इम्पोर्टेड या आयातित स्कॉच व्हिस्की पर आबकारी शुल्क की दर में 50 प्रतिशत की कटौती की है। इससे राज्य में इसका दाम अन्य प्रदेशों के बराबर हो जाएगा। एक वरिष्ठ अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। अधिकारी ने कहा, ‘‘स्कॉच व्हिस्की पर आबकारी शुल्क को विनिर्माण लागत के 300 से घटाकर 150 प्रतिशत कर दिया गया है।’’
महाराष्ट्र सरकार को इम्पोर्टेड स्कॉच की बिक्री पर सालाना 100 करोड़ रुपये का राजस्व मिलता है।अधिकारी ने कहा कि इस कटौती से सरकार का राजस्व बढ़कर 250 करोड़ रुपये पर पहुंचने की उम्मीद है क्योंकि इससे बिक्री एक लाख बोतल से बढ़कर 2.5 लाख बोतल हो जाएगी।
तस्करी पर लगाम
शुल्क में कमी की वजह से अन्य राज्यों से स्कॉच की तस्करी और नकली शराब की बिक्री पर भी लगाम कसी जा सकेगी। आबकारी शुल्क में कटौती से महाराष्ट्र में इंपोर्टेट व्हिस्की के दाम कम हो गए हैं। इससे राज्य को मिलने वाले राजस्व में बढ़ोतरी होगी। खबर के मुताबिक अभी 1 लाख बोतलों की बिक्री एक दिन में होती है, शुल्क कम होने से बोतलों की बिक्री ढाई लाख पर पहुंच सकती है।