भिलाई के औद्योगिक क्षेत्र हथखोज वार्ड-2 के कांग्रेस पार्षद सूरज बंछोर की हत्या की गुत्थी सुलझ गई है। पुलिस ने मामले के चार आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। पुलिस ने आरोपियों के पास से हत्या में प्रयोग किए गए हथियार के साथ ही दो कट्टा, 4 जिंदा कारतूस और मोबाइल व अन्य सामान जब्त किया है। पार्षद की हत्या की वजह पुरानी रंजिश थी। आरोपी इससे पहले भी उसकी हत्या का प्रयास कर चुका था, लेकिन सूरज के साथ कोई न कोई रहने से वह अपने मंसूबों में सफल नहीं हो रहा था।
एसएसपी बीएन मीणा ने मामले का खुलासा करते हुए बताया कि आरोपियों ने दो साल पुरानी रंजिश को लेकर वारदात को अंजाम दिया है। आरोपी पिछले एक साल से पार्षद की हत्या की साजिश रच रहा था। लेकिन वह सफल नहीं हुआ। 15 नवंबर की रात उसे पार्षद तालाब किनारे अकेला बैठा मिल गया और उसने अपने साथियों के साथ मिलकर वारदात को अंजाम दे दिया। पुलिस ने इस मामले में 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया है, वहीं मोहन नाम का एक आरोपी अभी फरार है। 15 नवंबर को कांग्रेस पार्षद की लाश तालाब किनारे मिली थी। उसकी धारदार हथियार से हत्या की गई थी।
यह थी हत्या की मुख्य वजह
एसएसपी ने बताया कि पार्षद सूरज बंछोर ने दीनू पाल को कट्टा दिया था। उसके कुछ दिन बाद मुखबिर की सूचना पर भट्ठी थाना पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया था। दीनू ने गिरफ्तार हो जाने के बाद भी सूरज का नाम नहीं लिया। लेकिन उसके बाद भी सूरज ने उसे जेल से बाहर निकालने में कोई मदद नहीं की थी। जेल से निकलने के बाद डेढ़ वर्ष पूर्व मनोज चौधरी और आशिक विश्वकर्मा से दीनू पाल का झगड़ा हो गया था। इस झगड़े में सूरज ने दीनू का साथ न देकर मनोज और आशिक का साथ दिया।
इसके बाद दीनू ने एक चाय की गुमटी खोली थी तो पार्षद रहते हुए सूरज ने अतिक्रमण की कार्रवाई करवाकर उसकी गुमटी को तुड़वा दिया। इन्हीं सब बातों से वह सूरज से दुश्मनी रखने लगा और एक बार उसने दोस्तों के बीच बोला भी था कि जिस दिन उसे मौका मिला वह सूरज बंछोर को जान से मार देगा। घटना के बाद जब दीनू और उसके साथी फरार हो गए तो पुलिस का शक यकीन में बदल गया।
पुलिस को इस तरह मिला बड़ा क्लू
पुलिस को विवेचना के दौरान स्थानीय मुखबीरों से मृतक सूरज बंछोर के साथ विगत कुछ सालों से अलग-अलग लोगों से विवाद होने की जानकारी मिली थी। पूछताछ करने पर पता चला कि 2 साल पहले दिनेश पाल उर्फ दीनू के साथ सूरज का विवाद हुआ था। घटना के बाद दीनू पाल ने सूरज की हत्या करने की बात भी कही थी। जब पुलिस ने दीनू और उसके साथियों का पता किया तो वह सभी घटना के बाद से ही फरार मिले।
पुलिस उन्हें पकड़ न सके इसलिए उन्होंने कई अलग-अलग ठिकाने बदले। इसी बीच पुलिस को जानकारी मिली कि आरोपी जांजगीर-चांपा जिले में छिपे हुए हैं। एसएसपी ने तत्काल राजेश पाण्डेय के नेतृत्व में संदीप सिंह, सत्येंद्र मंढरिया, रिंकू सोनी, शहबाज खान को जांजगीर चांपा के लिए रवाना किया। वहां जांजगीर पुलिस की मदद से पुलिस ने एक आरोपी को जांजगीर और दो आरोपियों को चंद्रपुर से गिरफ्तार किया। एक अन्य संदेही को हथखोज क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया।
ये आरोपी हुए गिरफ्तार
- दीनू उर्फ दिनेश पाल, 41 वर्ष, निवासी खुर्सीपार बालाजी नगर।
- उत्तम सोना, 35 वर्ष, निवासी खुर्सीपार।
- दीपक उर्फ भूरू साहू, 32 वर्ष, निवासी पुरानी बस्ती छावनी।
- लोकेश साहू, उम्र 20 निवासी गांधी चौक हथखोज भिलाई।