टेक डेस्क। Cyber Fraud: वो कहते हैं ना कि जिस चीज में सबसे ज्यादा फायदे की उम्मीद होती है, उसी में सबसे ज्यादा रिस्क रहता है। ऐसा ही कुछ क्रिप्टोकरेंसी को लेकर देखने को मिल रहा है। दरअसल क्रिप्टोकरेंसी की डिमांड पिछले कुछ वर्षों में अचानक बढ़ गयी है। इसकी वजह जोरदार रिटर्न रहा है। हाालंकि अब क्रिप्टोकरेंसी साइबर फ्रॉड की सबसे बड़ी वजह बनकर उभरी है।
क्रिप्टोकरेंसी के इस्तेमाल के दौरान सतर्क रहने की सलाह
रिपोर्ट के मुताबिक दुनियाभर में होने वाले करीब 79 साइबर फ्रॉड की मुख्य वजह क्रिप्टोकरेंसीज (Cryptocurrencies) बनकर उभरी हैं। रिपोर्ट के मुताबिक पिछले 18 माह में हुए साइबर फ्रॉड के पीछे क्रिप्टोकरेंसी को वजह माना जा रहा है। इस दौरान क्रिप्टोकरेंसी के जरिए दुनियाभर में सबसे ज्यादा फिरौती की वसूली की गयी। इसे Cont और REvil रैनसमवेर अटैकर्स की तरफ से लीड किया गया है। ऐसे में रिसर्च रिपोर्ट की तरफ से क्रिप्टोकरेंसी की ट्रेडिंग करते वक्त लोगों को सावधान रहने की सलाह दी गयी है। ऐसा नहीं करने पर हो सकता है आपको भारी नुकसान उठ पड़ जाए।
क्रिप्टोकरेंसी से बढ़ी जबरन वसूली की घटनाएं
ग्लोबल साइबर सिक्योरिटी फर्म Sophos के मुताबिक साइबर फ्रॉड के लिए क्रिप्टोकरेंसी ईंधन का काम कर रही हैं। क्रिप्टोकरेंसी से दुनियाभर में फिरौती की घटनाओं और मैलेशियस क्रिप्टोमाइनिंग को बढ़ावा मिल है। एक्सपर्ट की मानें, तो इससे बेचने के लिए क्रिप्टोकरेंसी को बेहतर तरीके से रेगयुलेट किया जाने की जरूरत है। एक रिपोर्ट के मुताबिक पिछले एक साल में बिटकॉइन की कीमतें जिस तेजी से बढ़ी हैं उसी के साथ ही क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े साइबर हमले भी बढ़े हैं। अक्टूबर 2020 से मई 2021 के बीच क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े ईमेल साइबर हमले में 192 प्रतिशत की ग्रोथ दर्ज की गयी है। हैकर्स बिटकॉइन का उपयोग जबरन वसूली के दौरान करते हैं।