भोजन जीवन के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है. धरती पर जिसके अंदर भी भगवान ने जान डालकर भेजी है, उन सबके लिए भोजन जरूरी है. यही कारण है कि भोजन हमारे जीवन का काफी महत्वपूर्ण हिस्सा है. भोजन जीवन की सभी ऊर्जाओं का स्त्रोत भी होता है. यही कारण है कि हिंदू धर्म में भोजन को लेकर कई विशेष नियम बताए गए हैं,भोजन कैसे करना चाहिए? भोजन करते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए? खाना खाते वक्त क्या करना चाहिए? और क्या नहीं करना चाहिए?
भोजन को लेकर जिन नियमों के बारे में बताया गया है, वह जानना सभी के लिए आवश्यक है. पौराणिक शास्त्रों में भोजन को लेकर कुछ नियमों आदि का उल्लेख किया गया है. सनातन धर्म में खाना खाने से पहले तीन बार जल छिड़कने की परंपरा रही है. कहते हैं इस तरह से हम अन्न देवता को खुश करते हैं और पहले उनको भोग देते हैं. जबकि वैज्ञानिक समीकरण में इस पर कहा गया है कि पहले के समय में लोग जमीन पर बैठ कर खाना खाने से पहले आचमान जरूर करते थे, जिससे चारो और पानी का घेरा रहता था और इसके चलते जमीन पर रखी थाली के पास कोई कीटाणु नहीं आता था. ऐसे में हम जानते हैं कि भोजन करते समय किन नियमों का पालन करना चाहिए.
आइए जानते हैं नियम
हमारे पौराणिक ग्रंथों में उल्लेख किया गया है कि भोजन को एक शुद्ध जगह पर बनाना चाहिए. शुद्ध जगह पर बने भोजन में ताजगी रहती है. भोजन को हर की कोई कन्या या स्त्री बना रही है, तो इससे सकारात्मकता आती है और जीवन में सुख समृद्धि की उन्नति होती है. इतना ही नहीं हिंदू मान्यता के अनुसार भोजन को सबसे पहले अग्नि देव को समर्पित किया जाता है. इसके अलावा भोजन करने से पहले इस मंत्र को जरूर पढ़ना चाहिए,इससे सभी देवी देवता आदि खुश होते हैं.
जानिए भोजन मंत्र
ब्रह्मार्पणं ब्रह्महविर्ब्रह्माग्नौ ब्रह्मणा हुतम्।
ब्रह्मैव तेन गन्तव्यं ब्रह्मकर्म समाधिना।।
ॐ सह नाववतु।
सह नौ भुनक्तु।
सह वीर्यं करवावहै।
तेजस्विनावधीतमस्तु।
मा विद्विषावहै॥
ॐ शान्ति: शान्ति: शान्ति:॥
पंचवालिका के बाद यदि घर में किसी अतिथि का आगमन हुआ है तो उसके लिए भोजन जरूरी करवाना चाहिए.अगर घर पर खाना कम भी हो तो भी अतिथि के लिए ताजा भोजन बनना चाहिए.
भोजन कैसा भी क्यों ना बना हो?
खाते वक्त हमेशा याद रखें कि भोजन की निंदा नहीं करनी चाहिए. भोजन कितना भी खराब ही क्यों ना बना हो, लेकिन भोजन को ईश्वर का प्रसाद समझकर खा लेना चाहिए, ऐसा करने से जीवन में कई सकारात्मक असर पड़ते हैं.