हम में से कई ऐसे लोग हैं, जिन्हें कोई विशेष व्यंजन खाना अच्छा लगता है, कुछ लोगों को एक मुश्किल काम के बाद विशेष व्यंजन खाना पसंद होता है, कुछ लोगों को कई घंटों तक काम करने के बाद भोजन करने से आनंद मिल सकता है और कई लोगों के लिए रात में स्वादिष्ट भोजन करना सुखदायी हो सकता है।
कुछ लोग विशेष व्यंजनों, खासकर ”जंक फूड” (स्वास्थ्य के लिए हानिकारक भोजन) को खाने से स्वयं को रोक नहीं पाते। इससे उनकी दिन प्रतिदिन की कार्य प्रणाली बाधित हो सकती है और उनकी सामाजिक, कार्य या पारिवारिक दायित्व का निर्वहन करने की क्षमता भी प्रभावित हो सकती है।
उनमें किसी व्यंजन को खाने की तीव्र इच्छा भूख के कारण नहीं, अपितु मन:स्थिति सही नहीं होने, मानसिक रूप से अस्वस्थ होने (अवसाद और घबराहट), अत्यधिक तनाव या भावनाओं के आवेग के कारण पैदा होती है।
”खाने की लत” अभी एक ऐसा विकार नहीं है, जिसकी क्लीनिकल जांच की जा सके, लेकिन मरीज स्वास्थ्य पेशेवरों से कई बार पूछते हैं कि वे इस लत से किस प्रकार छुटकारा पा सकते हैं।
आमतौर पर ‘येल फूड एडिक्शन स्केल’ का उपयोग करके इस लत का आकलन किया जाता है।