छत्तीसगढ़ सरकार ने आज छग संस्कृति परिषद का गठन कर दिया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल इस परिषद के अध्यक्ष होंगे। इसके अलावा परिषद में 15 सदस्यों को सम्मिलित किया गया है। परिषद में शामिल दिग्गजों के नामों का ऐलान भी कर दिया गया है। मंत्रालय की तरफ से एक लिस्ट जारी की गई है, जिसमें राजनीति, कला, साहित्य से जुड़े लोगों को इस परिषद में जगह मिली है। सूची में 15 दिग्गजों के नाम हैं, जिन्हें परिषद में खास जगह दी गई है।
राज्य सरकार के संस्कृति विभाग की तरफ से जारी किए गए आदेश में सदस्यों के नामों का जिक्र है। परिषद के उपाध्यक्ष संस्कृति मंत्री होंगे। जिन कैटेगरी में सदस्यों को चुना गया है उनमें साहित्य, आदिवासी लोक कला, चित्रकला, मूर्तिकला, नाटक, शास्त्रीय – लोक संगीत, नृत्य जैसी अलग-अलग विधाओं के 15 लोग हैं ।
शामिल दिग्गजों के नाम
साहित्य में अंबिकापुर के विजय गुप्त, आदिवासी लोककला में भूपेश तिवारी, कोंडागांव, चित्रकला मूर्तिकला में भिलाई की सुनीता वर्मा, नाटक के लिए भूपेंद्र साहू रायपुर, शास्त्रीय लोक संगीत ममता चंद्राकर, नृत्य में कालीचरण यादव बिलासपुर, वासंती वैष्णव रायगढ़। संस्कृति परिषद में बस्तर के सांसद दीपक बैज को भी सदस्य बनाया गया है। इनके अलावा साहित्य अकादमी के लिए ईश्वरसिंह दोस्त, पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी पीठ के लिए भिलाई के ललित कुमार, श्रीकांत वर्मा पीठ के लिए बिलासपुर के रामकुमार तिवारी, आदिवासी एवं लोक कला अकादमी के सदस्य अंबिकापुर से नवल शुक्ल और योगेंद्र त्रिपाठी, भिलाई के नाम हैं। अध्यक्ष यानी की CM बघेल ने 2 सदस्यों को अपनी ओर से मनोनीत किया है। उनमें विनोद वर्मा और आर्ट डायरेक्टर जयंत देशमुख शामिल है।
संस्कृति परिषद का मुख्य काम
संस्कृति परिषद कला-साहित्य से जुड़े लोगों की एक ऐसी कमेटी होगी जो छत्तीसगढ़ की संस्कृति, त्यौहार, परंपराएं, कला और साहित्य से जुड़ी व्यवस्था को बेहतर करने में काम करता है। यह परिषद राज्य सरकार को अपनी सलाह भी भेजता है ताकि संस्कृति, कला से जुड़ी नीतियां बनाने के दौरान सभी वर्गों के प्रतिनिधित्व को ध्यान में रखते हुए सरकार काम करें।