ग्रैंड न्यूज़ डेस्क। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा है कि बच्चों के लिए कोविड-19 के खिलाफ लड़ने वाली वैक्सीन और कोरोना के खिलाफ बूस्टर डोज वैज्ञानिकों से सलाह लेने के बाद ही दी जाएगी। लोकसभा में कोविड-19 के हालात पर मैराथन डिबेट के दौरान शुक्रवान को केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘बच्चों को वैक्सीन देने और कोरोना के खिलाफ बूस्टर डोज लगाने का फैसला विशेषज्ञों की टीम करेगी। हम वैज्ञानिकी सलाह के मुताबिक ही आगे की कार्रवाई करेंगे।
संसद में मौजूद कई सदस्यों ने सरकार से बूस्टर डोज और बच्चों को वैक्सीन दिये जाने के बारे में सवाल पूछा था। जिसके जवाब में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने यह बात कही है। इन सदस्यों ने सरकार से यह भी पूछा था कि इस महामारी का असर बच्चों की पढ़ाई पर कितना हुआ है। इसके अलावा आर्थिक तौर से पिछड़े परिवारों के बच्चों को डिजिटल एजुकेशन कितना प्रभावित कर रहा है। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि कोरोना के हालात पर चर्चा में करीब 75 सदस्यों ने हिस्सा लिया। इसपर महत्वपूर्ण विषय पर करीब 12 घंटों तक चर्चा की गई है। गुरुवार की मध्यरात्रि तक इस विषय पर चर्चा खत्म हुआ और केंद्रीय मंत्री ने शुक्रवार को इसपर जवाब दिया।
12 करोड़ लोगों ने नहीं ली दूसरी डोज
सरकार ने शुक्रवार को लोकसभा में कहा कि 30 नवंबर तक की स्थिति के अनुसार देश में कुल 12.5 करोड़ लोगों ने कोविड टीके की पहली खुराक लेने के बाद निर्धारित अवधि पूरा होने के बाद भी कोविड टीके की दूसरी खुराक नहीं ली है। केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी। उनसे पूछा गया था कि देश में कितने लोगों ने कोविड-19 टीके की दूसरी खुराक निर्धारित अवधि पूरा होने पर भी नहीं ली है।
उन्होंने बताया कि 30 नवंबर तक की स्थिति के अनुसार देश में कुल 12.5 करोड़ लोगों ने कोविड टीके की पहली खुराक लेने के बाद निर्धारित अवधि पूरा होने पर अभी तक कोविड टीके की दूसरी खुराक नहीं ली है। क्या सरकार ने ऐसे लोगों को चिह्नित करने और उन तक पहुंचने की कोई योजना बनाई है, इस प्रश्न पर पवार ने कहा कि केंद्र सरकार ने तीन नवंबर से ‘हर घर दस्तक’ अभियान शुरू किया है जिसमें उन लोगों की पहचान की जानी है जिन्होंने पहली खुराक भी नहीं ली है या जिन्हें दूसरी खुराक लेनी है। ऐसे लोगों को इस अभियान में टीका लगाया जाएगा।
बूस्टर डोज पर वैज्ञानिकों ने कही यह बात
कोविड-19 के खिलाफ बूस्टर खुराक दिए जाने की मांग के बीच भारत के शीर्ष जीनोम वैज्ञानिकों ने कहा है कि 40 वर्ष या उससे अधिक आयु के लोगों को ‘बूस्टर’ (तीसरी) खुराक देने पर ”विचार किया जा सकता है।” उन्होंने कहा कि इस आयु वर्ग के लोगों के संक्रमण की चपेट में आने का खतरा अधिक है। यह सुझाव ‘भारतीय सार्स कोव-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम’ (आईएनएसएसीओजी) के साप्ताहिक बुलेटिन में दिया गया है। सरकार ने आईएनएसएसीओजी की स्थापना कोविड-19 के जीनोम अनुक्रमण का विश्लेषण करने के लिए की थी।
आईएनएसएसीओजी के बुलेटिन में कहा गया है, ” जिन लोगों को अधिक खतरा है, उनका टीकाकरण और 40 वर्ष या उससे अधिक उम्र के लोगों को ‘बूस्टर’ खुराक देने पर विचार किया जा सकता है। सबसे पहले, उन लोगों को लक्षित किया जाए, जिनके संक्रमित होने का खतरा सबसे अधिक है।” देश में वैश्विक महामारी की स्थिति पर लोकसभा में चर्चा के दौरान सांसदों द्वारा कोविड-19 रोधी टीकों की ‘बूस्टर’ खुराक दिए जाने की मांग के बाद यह सिफारिश की गई है आईएनएसएसीओजी ने कहा कि आवश्यक जन स्वास्थ्य उपायों को कारगर बनाने के वास्ते इस प्रकार की उपस्थिति का शीघ्र पता लगाने के लिए जीनोमिक निगरानी महत्वपूर्ण होगी।
देश में ओमिक्रॉन के 2 मामले
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा कि कोविड-19 के नये ‘ओमिक्रॉन’ स्वरूप के संक्रमण के भारत में दो मामले सामने आए हैं तथा खतरे की श्रेणी वाले देशों (एट रिस्क) से आये 16 हजार यात्रियों की आरटी-पीसीआर जांच में 18 लोग कोरोना वायरस संक्रमित पाये गये हैं जिनके जीनोम अनुक्रमण से यह पता लगाया जा रहा है कि इनमें से कितने इस नये स्वरूप से संक्रमित हैं।मंत्री ने कहा कि केंद्र ने राज्य सरकार को सभी सावधानियां बरतने को कहा है तथा हवाई अड्डे सहित अन्य स्थानों पर संक्रमण की जांच के लिये सभी एजेंसियों एवं प्रदेश सरकारों के साथ समन्वय बनाकर काम किया जा रहा है।
लोकसभा में ‘कोविड-19 महामारी से उत्पन्न स्थिति’ पर बृहस्पतिवार को हुई चर्चा का शुक्रवार को जवाब देते हुए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ने कोविड-19 वायरस के नये स्वरूप का जिक्र किया और कहा कि दक्षिण अफ्रीका से दुबई होते हुए भारत आने वाले दो यात्री – 19 साल की एक लड़की और 67 साल के एक पुरुष बेंगलुरू हवाई अड्डे पर कोविड संक्रमित पाए गये।
उन्होंने बताया कि 19 वर्षीय महिला में ओमीक्रोन वायरस की पुष्टि नहीं हुई जबकि बुजुर्ग के नमूने में ओमीक्रोन वायरस की पुष्टि हुई। मांडविया ने कहा कि बुजुर्ग के नमूने की जीनोम अनुक्रमण की रिपोर्ट आने से पहले उनकी दूसरी आरटी-पीसीआर रिपोर्ट निगेटिव आ चुकी थी और वह दक्षिण अफ्रीका वापस लौट चुके थे तथा उनके संपर्क में आये लोगों में कोई संक्रमित नहीं मिला।
मांडविया ने बताया कि बेंगलुरू के 46 साल के एक पुरुष की 22 नवंबर को हुई आरटी-पीसीआर जांच में संक्रमण का पता चला। उन्होंने कहा कि इनका जीनोम अनुक्रमण 28 नवंबर को हुआ जिसमें ओमीक्रोन स्वरूप का पता चला और इनके संपर्क में आए तीन परिवार के सदस्यों और 160 लोगों की जांच में पांच लोग संक्रमित मिले जिनके नमूनों का आगे जीनोम अनुक्रमण परीक्षण चल रहा है।