ग्रैंड न्यूज़ डेस्क। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में विदेश से आए दो लोग पॉजिटिव मिले हैं। इनमें एक युवक और एक महिला है। दोनों USA से लौटे हैं। इसके बाद नए स्ट्रेन ओमिक्रॉन की आशंका से हड़कंप मच गया है। उनके RTPCR टेस्ट में कोरोना पॉजिटिव आने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने उन्हें निगरानी में रखा है। साथ ही जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए सैंपल भुवनेश्वर भेजे गए है। जिसकी रिपोर्ट आने के बाद ही स्थिति स्पष्ट होगी। फिलहाल, विभाग ने दोनों लोगों की ट्रैवल हिस्ट्री के आधार पर उनके संपर्क में आने वालों की जांच शुरू कर दी है।
स्वास्थ्य विभाग के अफसरों ने बताया कि बिलासपुर में 17 नवंबर से अब तक 57 लोग विदेश से आए हैं। इनमें से 15 नागरिकों की पहचान कर उनका RT-PCR जांच की गई। जिसमें से 2 लोगों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। दोनों संक्रमितों को विभाग ने निगरानी में रखा है। साथ ही उनके संपर्क में आए लोगों की पहचान कर RTPCR जांच कराई जा रही है।
रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर किया गया संपर्क
विदेश से लौटे दो संक्रमित 27 नवंबर को यूनाइटेड स्टेट अमेरिका गए थे। उनकी जांच के बाद 30 नवंबर को रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। इनमें एक महिला रेलवे ऑफिसर्स कॉलोनी की रहने वाली है। दूसरा 30 साल का युवक खमतराई रोड में रहता है। महिला को उनके घर में आइसोलेट किया गया है। जबकि युवक रिपोर्ट आने से पहले ही मुंबई चला गया था। रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम ने उससे संपर्क किया। पुलिस कार्रवाई की चेतावनी देने के बाद युवक वापस बिलासपुर आ गया है। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम ने उसे भी निगरानी में रखा है। उनके परिवार के तीन सदस्यों की RTPCR रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद टीम ने उसके संपर्क में आने वाले आधा दर्जन लोगों की भी जांच कराई है। उनकी रिपोर्ट का इंतजार है।
विदेश से लौटने वाले 42 की तलाश
अभी भी विदेश से लौटे 42 लोगों को स्वास्थ्य विभाग की टीम नहीं खोज पाई है। इसलिए इनका सैंपल भी नहीं लिया जा सका है। इन्हें जल्द ही खोजने और जांच के लिए RTPCR सैंपल लेने की बात ट्रेसिंग टीम ने कही है। दरअसल, विदेश से लौटने वाले लोग या तो दूसरे राज्य चले गए हैं या फिर दूसरे शहर पहुंच गए हैं। वहीं, कईयों का मोबाइल नंबर ही बंद मिल रहा है। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग को उन्हें ट्रेस करने में परेशानी हो रही है।
कंट्रोल रूम को किया गया सक्रिय
स्वास्थ्य विभाग ने सरकंडा के नूतन चौक स्थित सेंट्रल लाइब्रेरी को कंट्रोल रूम बनाया है। यहां से विदेश से आने वालों के साथ ही RTPCR टेस्ट करने वालों की जानकारी लेकर उन्हें ट्रेस भी किया जा रहा है। ट्रेसिंग टीम के नोडल अधिकारी डॉ. समीर तिवारी ने बताया कि विदेश से आए लोगों पर स्वास्थ्य विभाग की विशेष टीम निगरानी रख रही है। उन्हें एहतियात के तौर पर सतर्क रहने को कहा गया है। उन्हें स्वास्थ्य खराब होने पर ध्यान रखने व जांच कराने की सलाह दी गई है। उन्होंने बताया कि सागर होम्स, ग्रीन गार्डन कॉलोनी, खमतराई, नेहरू नगर, जेल रोड, एसईसीएल के बसंत विहार कॉलोनी, मोपका में विदेश से आए लोगों की पहचान की गई है। ट्रेसिंग टीम सुबह-शाम इन लोगों से मोबाइल पर संपर्क कर स्वास्थ्य कि जानकारी भी ले रही है।
जीनोम सीक्वेंसिंग क्या है?
किसी जीव के जीनोम की बनावट बेहद उलझी होती है। इसकी स्टडी करने के लिए वैज्ञानिक इसे एक कोड में बदल देते हैं। इस कोड को पता करने की तकनीक जीनोम मैपिंग या जीनोम सीक्वेंसिंग कहलाती है।
साधारण भाषा में कहें तो जीनोम सीक्वेंसिंग एक तरह से किसी जीव का बायोडेटा होता है। इससे उसके रंग-रूप के साथ-साथ व्यवहार का भी पता लगाया जा सकता है। कोरोना वायरस के सभी वैरिएंट्स के जीनोम कोड तय हैं। दुनिया भर में वायरस के सैंपल्स की जीनोम सीक्वेंसिंग चलती रहती है। सीक्वेंसिंग के दौरान वैरिएंट के जीनोम कोड में कुछ बदलाव देखने को मिलता है, जिससे नए वैरिएंट का पता लगाया जाता है।