कोरोना के नए वैरिएंट ‘ओमिक्रान’ ने देश और दुनिया में दहशत बढ़ा दी है। अब तक कोरोना के जितने भी वैरिएंट सामने आए थे, उससे बच्चों को ज्यादा नुकसान नहीं हुआ, लेकिन इस नए वैरिएंट ने बच्चों पर भी दुष्प्रभाव डालना शुरू कर दिया है, जिसकी वजह से विश्व के सभी देशों में चिंता बढ़ गई है। महज 10 दिनों के भीतर ‘ओमिक्रान’ ने दुनिया के 35 देशों को अपनी चपेट में ले लिया है।
दुनियाभर के विशेषज्ञों ने इस मुसीबत से निजात पाने के तरीके की खोज शुरु कर दी है, लेकिन इसके संक्रमण की रफ्तार डेल्टा वैरिएंट से 10 गुना ज्यादा है। साउथ अफ्रीका से शुरु हुआ ‘ओमिक्रान’ का सफर कितना नुकसान पहुंचाएगा, फिलहाल इसका अनुमान नहीं लगाया जा सकता।
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दक्षिणी अफ्रीकी डॉक्टर का कहना है कि इस बार 5 साल से कम उम्र के बच्चों में भी संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। हालांकि, सभी बच्चे ओमिक्रॉन से संक्रमित नहीं हैं, फिर भी बच्चों में संक्रमण बढ़ने से चिंता जरूर बढ़ गई है।
उन्होंने कहा, ‘उम्मीद के मुताबिक बच्चों में संक्रमण अब भी कम है, लेकिन 5 साल से छोटे बच्चों में ज्यादा तेजी से बढ़ रहा है। 60 साल से ऊपर के बुजुर्ग इस वायरस से सबसे ज्यादा संक्रमित हैं और दूसरे नंबर पर 5 साल से छोटे बच्चों की संख्या है।’ उन्होंने ये भी कहा कि इस बार हमें कुछ अलग ट्रेंड भी देखने को मिल रहा है।
NICD से जुड़ीं डॉ. मिशेल ग्रोम (Dr Michelle Groome) ने भी यही चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि छोटे बच्चों में संक्रमण तेजी से क्यों फैल रहा है, इस पर रिसर्च होगी। इस बारे में अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी, हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि सरकारों को बच्चों के लिए बेड और स्टाफ बढ़ाने की ओर ध्यान देने की जरूरत है।