रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बताया कि प्रदेश में किसानी को समझने की शुरुआत हो गई है, जो किसान के बेटे गांव से शहर की दौड़ लगा रहे थे वे अब गांव की ओर लौट रहे हैं। प्रदेश में जहां किसानी का रकबा बढ़ गया है, तो किसानों की संख्या भी अब डेढ़ गुना हो गई है। सीएम बघेल ने कहा कि जिन पशुओं को आवारा छोड़ दिया जाता था, अब वही मवेशी आर्थिक समृद्धि का कारक बन गया है।
यह तमाम बातें मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने देश के वरिष्ठ पत्रकार प्रभु चावला के सच्ची बात कार्यक्रम में कही। दरअसल, आज प्रदेश की राजधानी रायपुर में वरिष्ठ पत्रकार और संपादक प्रभु चावला के होस्ट में कृषि सम्मिट एवं अवार्ड कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज वरिष्ठ पत्रकार चावला के सवालों का सामना कर रहे हैं और जवाब दे रहे हैं।
आर्थिक समृद्धि की वजह बन गए
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि आज हर इंसान की सबसे बड़ी आवश्यकता अर्थ है। इंसान आर्थिक समस्याओं से निजात पाने के लिए मेहनतकश बन जाता है, तो अपराधी भी बन जाता है। पर यदि सही दिशा मिल जाए तो निश्चित ही बेहतर इंसान बन सकता है। सीएम बघेल ने कहा कि प्रदेश में मवेशियों की उपयोगिता को नकारा जा रहा था, आज वही मवेशी उनके लिए आर्थिक समृद्धि की वजह बन गए हैं।
इस बीच मुख्यमंत्री बघेल ने अपने कृषक होने, एक कृषक के अनुभवों को भी मंच पर साझा किया। सीएम बघेल ने बताया कि नागर में बैल जोतना भी एक कला है। हर काम के लिए एक निश्चित मापदंड होता है। एक कृषक की जिम्मेदारियां क्या होती हैं, कैसे खेत से अनाज गोदामों तक और फिर आम लोगों तक पहुंचता है, एक किसान कितनी मेहनत के बाद अनाज पैदा करता है, इन तमाम बातों से प्रदेश की जनता को अवगत कराया।
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