भिलाई नगरीय निकाय चुनाव में इस बार बागियों ने दोनों ही प्रमुख दलों के माथे पर चिंता की लकीरें ला दी हैं। कांग्रेस हो या बीजेपी दोनों ही दल बागियों से परेशान हैं । बागी उम्मीद्वार इस बात की उम्मीद लगाए थे कि संगठन इस बार उनके काम को तरजीह देगा और टिकट से नवाजेगा।लेकिन ऐसा हो ना सका। इसलिए दोनों ही पार्टियों ने जब अपने अपने उम्मीद्वारों के नाम फाइनल किए तो हर वार्ड से बागियों का पिटारा खुल गया। हालात ये हैं कि बागी अब दोनों ही दलों के प्रत्याशियों के लिए सिरदर्द बन चुके हैं।
जनता कांग्रेस को हो सकता है बड़ा फायदा
बागियों के इस खेल में जनता कांग्रेस को बड़ा फायदा मिल सकता है क्योंकि ज्यादातर उम्मीद्वार जिन्हें टिकट नहीं मिले उन्होंने जनता कांग्रेस को गले लगाया। इसी कड़ी में बीजेपी पूर्व क्षेत्र महिला मंडल की मंत्री राजेश्वरी मारकंडे ने भी अपनी दावेदारी पार्टी को सौंपी थीं। लेकिन काम को दरकिनार कर पार्टी ने किसी और प्रत्याशी को उनके वार्ड से प्रत्याशी बनाया। जिसके बाद राजेश्वरी ने जनता कांग्रेस छ्त्तीसगढ़ से पर्चा भर दिया। राजेश्वरी जमीनी कार्यकर्ता हैं और काफी सालों से संगठन में रहकर काम किया था। लेकिन हर बार सिर्फ आश्वासन मिला।
लिहाजा इस बार जब राजेश्वरी को टिकट नहीं मिला को वार्डवासियों की सहमति से उन्होंने पार्टी छोड़कर जनता कांग्रेस का दामन थामा। राजेश्वरी के नामांकन भरने के साथ ही वार्ड में उनके समर्थन में माहौल बनने लगा है। खासकर महिलाओं के बीच राजेश्वरी ज्यादा लोकप्रिय हैं। वार्ड में राजेश्वरी सक्रिय होकर अपने समर्थन में वोट मांग रही हैं। राजेश्वरी ने अपने वोट के लिए विकास को एजेंडा बनाया है। क्योंकि हर बार वार्डवासी सिर्फ सिंबल पर वोटिंग करके ठगे से रह जाते थे।लिहाजा इस बार राजेश्वरी ने विकल्प के तौर पर खुद को पेश किया है। यदि राजेश्वरी अपनी बात वार्डवासियों के मन में पहुंचाने में सफल हो जाती हैं तो इस बार के नतीजों में भारी उलटफेर देखने को मिल सकता है।