ग्रैंड न्यूज़ डेस्क। एक तरफ भारत और रूस पर पाकिस्तान और चीन चालें चल रहे है वही, दूसरी तरफ भारत और रूस एकजुट होकर इनका भंडाफोड़ कर इन्हे बेनकाब करने की कोशिश में लगे है।
दरअसल राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन आज भारत के दौरे पर आ रहे हैं। पुतिन का भारत में यह दौरा खास होने वाला है। इस सम्मलेन में कई मुद्दों पर बात की जाएगी है जिसमें AK-203 भी शामिल है। वही, पुतिन के पहुंचने से पहले पहले रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव और रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु भी भारत पहुंच चुके हैं। दोनों मंत्रियों ने अपने समकक्ष डॉ. एस जयशंकर और राजनाथ सिंह से मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद अब बैठकों का दौर शुरू हो गया है।
दोनों नेताओं ने किया समझौतों पर हस्ताक्षर
आपको बता दें कि AK-203 पर रूस के साथ हुई समझौते को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और रूस के रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु ने नई दिल्ली में आज एक बैठक की। इस दौरान दोनों नेताओं ने भारत और रूस के बीच हुए समझौतों पर हस्ताक्षर किए। इसके तहत भारत-रूस राइफल्स प्राइवेट लिमिटेड के माध्यम से 6,01,427 7.63×39 मिमी असॉल्ट राइफल AK-203 की खरीदी के लिए अनुबंध, 2021-2031 से सैन्य-तकनीकी सहयोग के लिए कार्यक्रम जैसे समझौते पर हस्ताक्षर किए गए।
रक्षा सहयोग सबसे महत्वपूर्ण स्तंभों में से एक – राजनाथ सिंह
बैठक के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि उभरती भू-राजनीतिक परिस्थितियों में आज वार्षिक भारत-रूस शिखर सम्मेलन एक बार फिर हमारे देशों के बीच विशेष रणनीतिक साझेदारी के महत्वपूर्ण महत्व की पुष्टि करता है। राजनाथ सिंह ने कहा कि रक्षा सहयोग हमारी साझेदारी के सबसे महत्वपूर्ण स्तंभों में से एक है। मुझे उम्मीद है कि भारत-रूस साझेदारी पूरे क्षेत्र में शांति लाएगी और क्षेत्र को स्थिरता प्रदान करेगी। राजनाथ सिंह ने आगे कहा कि भारत और रूस के संबंध बहुपक्षवाद, वैश्विक शांति, समृद्धि, आपसी समझ और विश्वास में एक सामान्य हित के आधार पर आधारित हैं।
भारत-रूस का सहयोग विशेष रूप से महत्वपूर्ण है- रूस के रक्षा मंत्री सर्गेई
वहीँ, बैठक के दौरान रूस के रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु ने कहा कि हमारे देशों के संबंध के लिए इस समय सैन्य और तकनीकी क्षेत्र में भारत-रूस का सहयोग विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। आज अंतर सरकारी आयोग की बैठक में रक्षा क्षेत्र सहयोग के बारे में रक्षा मंत्री के साथ हमारी विस्तृत चर्चा हुई।
बहुत ही महत्वपूर्ण परिणामों की आशा – डॉ. एस जयशंकर
इसी बैठक के दौरान डॉ. एस जयशंकर ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि ये हमारी चौथी बैठक है। ये भारत और रूस के बीच विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी का प्रतीक है। आज हमारे पास न केवल अपने द्विपक्षीय संबंधों और वैश्विक स्थिति पर चर्चा करने का अवसर है बल्कि हम पहली 2+2 बैठक में भी हिस्सा लेंगे। उन्होंने कहा कि हमारे लिए वार्षिक भारत-रूस शिखर सम्मेलन यूनिक इवेंट है। पीएम मोदी और राष्ट्रपति पुतिन विश्वास का रिश्ता साझा करते हैं। हम शिखर सम्मेलन से बहुत ही महत्वपूर्ण परिणामों की आशा कर रहे हैं। भारत-रूस के बीच साझेदारी यूनिक है। मुझे विश्वास है कि आज की वार्ता बहुत फलदायी होगी।
इन मुद्दों पर होगी भारत और रूस के बीच चर्चा
पुतिन की यात्रा के दौरान कई बड़े रक्षा सौदों पर हस्ताक्षर होंगे। दोनों देशों के बीच अगले दस साल तक रक्षा सहयोग जारी रखने और इसके लिए फ्रेमवर्क बनाने पर मुहर लगेगी। रक्षा सहयोग के लिए रेसिप्रोकल एक्सचेंज ऑफ लॉजिस्टिक एग्रीमेंट पर भी सहमति बनेगी। इसके अलावा सतह से हवा में मार करने वाली आधुनिकतम मिसाइल प्रणाली इग्ला-एस शॉल्डर फायर्ड मिसाइल सौदे पर भी बातचीत होगी।