चित्तौड़गढ़। जिले में 15 साल की लड़की अपना बाल विवाह रुकवाने के लिए थाने पहुंच गई। एसडीएम से भी मिली और घरवालों को पाबंद करने की बात कही। 9वीं में पढ़ने वाली छात्रा ने बताया कि घरवाले जबरदस्ती 11 दिसंबर को शादी करवा रहे हैं। वह पढ़ाई करके जीवन में आगे बढ़ना चाहती है। प्रशासन ने परिवार को शादी न करने के लिए पाबंद किया है।
आटे-साटे में रिश्ता तय किया
बड़ीसादड़ी के सरथला गांव की कृष्णा मेनारिया पुत्री कन्हैया लाल मेनारिया ने बताया कि एक महीने से घर में तैयारियां चल रही थी। मगर उसे किसी ने कुछ नहीं बताया। शादी के कार्ड में अपना नाम देखकर वह चौंक गई। तब दादा और बड़े पापा ने 11 दिसंबर को उसकी शादी होना बताया। बुआ ने अपने बेटे की शादी के बदले आटे-साटे में उसका रिश्ता पक्का करवा दिया। माता-पिता ने भी परिवार के दबाव में रजामंदी दे दी।
थाना पहुंच कर बताई सारी बातें
लड़की ने बताया कि वह अभी शादी नहीं करना चाहती। परिवार में किसी ने उसका साथ नहीं दिया। इस कारण सोमवार को स्कूल की छुट्टी के बाद थाने गई और पुलिस को सारी बात बताई। थाना अधिकारी कैलाश चंद्र सोनी ने एसडीएम ऑफिस भेजा।
परिजनों से लिखवाया गया शपथ-पत्र
एसडीएम बिंदु बाला राजावत ने बताया कि लड़की से पूरी जानकारी ली गई है। उसने बताया कि दादा रामेश्वर लाल मेनारिया, बड़े पापा प्रभु लाल मेनारिया और बुआ पांदूडी देवी मिलकर जबरन उसकी शादी करवा रहे हैं। गांव के ही करण पुत्र लक्ष्मीलाल मेनारिया के साथ रिश्ता तय किया है। बुआ ने अपने बेटे शम्भू लाल की शादी के बदले आटे-साटे में उसका भी रिश्ता करवा दिया। माता-पिता ने भी रजामंदी दे दी। एसडीएम ने बताया कि मामला सामने आने के बाद परिवार को बुलाया गया। परिजनों से शपथ-पत्र पर लिखवाया कि कृष्णा का बाल विवाह नहीं करेंगे। वह आगे पढ़ाई करना चाहती है। उसे पढ़ने दिया जाएगा।
महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी भी रहे मौजूद
मामले की जानकारी पर महिला एवं बाल विकास विभाग से पर्यवेक्षक दीपमाला शर्मा, प्रचेता उषा बैरागी और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता भगवती शर्मा भी मौके पर पहुंचे। परिवार से मिलकर समझाश की और बाल विवाह नहीं करने के लिए पाबंद किया।