नई दिल्ली। कोरोना वायरस ने देश और दुनिया में जबरदस्त तबाही मचाई है, आम जिंदगी बुरी तरह सिमट गई है, लेकिन इस विपदा काल में कई बातें ऐसी भी हुईं हैं, जिसने जिंदगी का नजरिया बदल दिया है, जीवन जीने का अंदाज बदला है, तो तरीके भी काफी बदले हैं, जो कई मायनों में आम जिंदगी के लिए सहज भी साबित हुए हैं, इनमें से एक ‘वर्क फ्रॉम होम’ भी है। जिस पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गंभीरता से ध्यान दिया है और जल्द ही नया कानून पेश करने की तैयारी में है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सरकार कर्मचारियों के प्रति कंपनियों की जिम्मेदारी को तय करेगा।
कोरोना संक्रमण काल की विपदा में काम को नियमित बनाए रखने के लिए कंपनियों ने ‘वर्क फ्रॉम होम’ के विकल्प को चुना। इसके बेहतर परिणाम भी सामने आए। अब यह काम करने का नया मॉडल बन गया है। सरकार इस नए कामकाजी मॉडल को लेकर एक कानूनी ढांचा बनाना चाहती है। एक सरकारी अधिकारी ने बताया कि जिन विकल्पों पर विचार किया जा रहा है उनमें कर्मचारियों के लिए काम के घंटे तय करना और घर से काम करने के दौरान अतिरिक्त खर्च होने वाले बिजली और इंटरनेट के लिए कर्मचारियों को भुगतान करना शामिल है।
अतिरिक्त खर्च का होगा भुगतान
बिल में काम के घंटे तय करना और घर से काम करने के दौरान अतिरिक्त खर्च होने वाले बिजली और इंटरनेट के लिए कर्मचारियों को भुगतान करना शामिल है। अधिकारी ने बताया, घर से काम के लिए एक पॉलिसी बनाने में मदद के लिए एक कंसल्टेंसी फर्म को भी शामिल किया गया है।
लौट सकता है वही दौर
बताते चले कि कई कंपनियों में अभी भी वर्क फ्रॉम होम के तहत कर्मचारी घर से काम कर रहे हैं। अब तो कोरोना वायरस का नया वैरिएंट ओमिक्रॉन भी आ गया है तो माना जा रहा है फिर से कंपनियां अपने कर्मचारियों को घर से काम करने के लिए कह सकती है।