रायपुर। कोरोना वायरस के नए वैरिएंट से बच्चों को सबसे ज्यादा खतरा माना जा रहा है। इसके पीछे वजह, बच्चों को वैक्सीनेट नहीं किया जाना है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक अब तक भारत में 128 करोड़ लोगों को वैक्सीनेट किया जा चुका है। लेकिन यह सभी 18 वर्ष से अधिक आयु वर्ग हैं। जबकि 18 साल से नीचे किसी भी बच्चे को वैक्सीन नहीं लग पाया है, जिसकी वजह से चिंता ज्यादा गंभीर हो गई है।
देश में ‘ओमिक्रॉन’ को लेकर तीसरी लहर की आशंका बढ़ गई है। यह अब तक में कोरोना वायरस के सभी वैरिएंट से ज्यादा तेज संक्रमित होने वाला बताया जा रहा है, जिसको देखते हुए अब जल्द ही बच्चों के लिए टीकाकरण शुरू होने की सुगबुगाहट चल रही है। इससे पहले ही स्वास्थ्य विभाग बच्चों की जानकारी जुटा रहा है। इसके लिए शिक्षा विभाग के सहयोग से 12 से 17 साल के स्कूली बच्चों के आधार कार्ड, मोबाइल नंबर और एड्रेस मांगा गया है।
स्कूलों से जुटाई जा रही जानकारी
विदेशों से आने वालों की सघन निगरानी रखने के साथ ही स्वास्थ्य विभाग को एक और नई जिम्मेदारी मिल गई है। केंद्र सरकार की ओर से बच्चों के लिए टीकाकरण शुरू करने की तैयारी करने की चर्चा है। स्वास्थ्य विभाग को जिला स्तर पर 12 से 17 साल के बच्चों की जानकारी जुटाने कहा गया है। इसमें उनके आधार कार्ड से लेकर मोबाइल नंबर और एड्रेस के साथ ही स्कूल की जानकारी एकत्र करने कहा गया है। स्वास्थ्य विभाग की टीम स्कूलों में जाकर टीकाकरण करेगी। बच्चों के लिए बड़ों की तरह टीकाकरण केंद्र नहीं बनाया जाएगा। हालांकि, अभी इसकी अधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। अफसरों ने बताया कि उन्हें बच्चों की स्कूलवार जानकारी एकत्रित करने कहा गया है।