दुनियाभर में ओमिक्रोन को लेकर चिंता बढ़ती जा रही है। ऐसा कहा जा रहा है कि कोविड-19 का नया वेरिएंट तेज़ी से फैलता है और बार-बार उत्परिवर्तन से गुज़रने में सक्षम है। इसी बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन ने नए स्ट्रेन के खिलाफ मौजूदा टीकों की प्रभावकारिता के बारे में आशंकाओं को शांत किया है। WHO के एक शीर्ष अधिकारी ने बताया कि यह मानने का कोई कारण नहीं है कि ओमिक्रोन पहले आए वेरिएंट की तुलना में अधिक गंभीर है, या कि मौजूदा टीके इसके खिलाफ विफल हो जाएंगे।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के आपात निदेशक माइकल रयान ने एक साक्षात्कार में बताया कि ओमाइक्रोन अत्यधिक संक्रामक ज़रूर है, लेकिन इस बात के ठोस सबूत नहीं मिले हैं कि यह डेल्टा जैसे पिछले कोविड -19 वेरिएंट की तुलना में अधिक गंभीर बीमारी का कारण बन सकता है। उन्होंने कहा कि मौजूदा टीकों को उन लोगों की भी रक्षा करनी चाहिए जो ओमिक्रोन के गंभीर संक्रमण से बीमार पड़ेंगें।
ALSO READ : OMG उर्फी जावेद ने मोजा काटकर बनाया अपने लिए ट्रांसपेरेंट टॉप, सोशल मीडिया पर वीडियो किया पोस्ट
डब्ल्यूएचओ के अधिकारी ने कहा, “हमारे पास अत्यधिक प्रभावी टीके हैं, जो गंभीर बीमारी और अस्पताल में भर्ती होने के मामले में अब तक कोविड के सभी प्रकारों के खिलाफ प्रभावी साबित हुए हैं, और यह सोचने का कोई कारण नहीं है कि ओमिक्रोन के खिलाफ भी वैक्सीन सफल साबित नहीं होंगी।” हालांकि, रयान ने कहा कि ओमिक्रोन वेरिएंट का अध्ययन करने के लिए और अधिक शोध की आवश्यकता है ताकि उचित रूप से ये समझा जा सके कि यह कितना ख़तरनाक है।
इसी तरह का आश्वासन मंगलवार को अमेरिकी संक्रामक रोग विशेषज्ञ एंथोनी फौकी ने भी दिया, जिन्होंने कहा कि ओमिक्रोन निश्चित रूप से डेल्टा सहित पिछले वेरिएंट्स से ज़्यादा ख़तरनाक नहीं है। जिसमें डेल्टा भी शामिल है।
ALSO READ : OMG उर्फी जावेद ने मोजा काटकर बनाया अपने लिए ट्रांसपेरेंट टॉप, सोशल मीडिया पर वीडियो किया पोस्ट
अमेरिकी राष्ट्रपति के मुख्य चिकित्सा सलाहकार के अनुसार, ओमिक्रोन “साफ तौर से अत्यधिक संक्रामक” है, लेकिन वास्तव में डेल्टा की तुलना में कम गंभीर हो सकता है, जैसा कि दक्षिण अफ्रीका में संक्रमणों की संख्या और अस्पतालों की संख्या से संकेत मिले हैं। हालांकि, फौकी ने भी माना इस वेरिएंट को बेहतर तरीके से समझने के लिए ज़्यादा रिसर्च की ज़रूरत है।