ट्रेड यूनियनों ने संसद के बजट सत्र के दौरान 23-24 फरवरी 2022 को देशव्यापी 2 दिवसीय हड़ताल की चेतावनी दी है। इससे पहले 16 और 17 दिसंबर 2021 को बैंकों में हड़ताल का आह्वान किया गया है। इस हड़ताल को एटक, इंटक, सीटू समेत 10 यूनियनों का समर्थन हासिल है। हड़ताल के प्रमुख मुद्दों में बैंकिंग प्राइवेटाइजेशन, पुरानी पेंशन की बहाली जैसी डिमांड शामिल हैं। हड़ताल का मुख्य नारा होगा-लोगों को बचाओ और देश बचाओ (SAVE THE PEOPLE AND SAVE THE NATION)
विधानसभा चुनाव वाले राज्यों पर रहेगा फोकस
इस हड़ताल में उन राज्यों पर फोकस रहेगा, जहां 2022 की शुरुआत में चुनाव होने हैं। मसलन उत्तर प्रदेश uttar pradesh और उत्तराखंड uttrakhand जैसे राज्य। इस हड़ताल का प्रचार राज्य सम्मेलन, मानव श्रृंखला, मशाल जुलूस, हस्ताक्षर अभियान, क्षेत्रीय और क्षेत्र-आधारित संयुक्त अभियान और आंदोलन के जरिए होगा। बयान में कहा गया है कि संघों का संयुक्त मंच 16-17 दिसंबर 2021 को बैंकों में दो दिवसीय देशव्यापी हड़ताल का भी स्वागत और समर्थन करता है। बता दें कि यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियनों ने यह बैंक हड़ताल बुलाई है।
इन 10 मांगों को लेकर होगी हड़ताल
- लेबर कोड को समाप्त करना; ईडीएसए की स्क्रैपिंग
- एनपीएस को रद्द करना और पुरानी पेंशन की बहाली। साथ ही कर्मचारी पेंशन योजना (Employee Pension Scheme) के तहत न्यूनतम पेंशन में पर्याप्त वृद्धि
- निजीकरण के खिलाफ, NMP करी स्क्रैपिंग
- इनकम टैक्स के दायरे से बाहर के परिवारों को प्रति माह 7500 रुपये की अनाज और आय की मदद
- मनरेगा के लिए आवंटन में बढ़ोतरी और शहरी क्षेत्रों में रोजगार गारंटी योजना का विस्तार
- सभी अनौपचारिक क्षेत्र के कामगारों के लिए यूनिवर्सल सोशल सिक्योरिटी
- आंगनवाड़ी, आशा, मध्याह्न भोजन और दूसरी योजना के वर्करों को न्यूनतम वेतन और सामाजिक सुरक्षा
- महामारी के बीच लोगों की सेवा करने वाले फ्रंट लाइन वर्करों के लिए
- पेट्रोलियम उत्पाद पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क में और कमी
- ठेका मजदूरों को नियमित करना और सभी को समान काम का समान वेतन