प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज शनिवार (11 दिसंबर) को दोपहर लगभग 1 बजे बलरामपुर पहुंचेंगे। बीते चार दशकों से लंबित परियोजना आखिरकार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ध्यान में लाए जाने के बाद पूरी हो पाई है। आज उसी सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना का उद्घाटन करने के लिए पीएम मोदी उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जाएंगे।
पीएमओ के एक आधिकारिक बयान के अनुसार, परियोजना पर काम 1978 में शुरू हुआ था लेकिन बजटीय समर्थन की निरंतरता, अंतरविभागीय समन्वय और पर्याप्त निगरानी के अभाव में, इसमें देरी हुई और लगभग चार दशकों के बाद भी पूरा नहीं हुआ। इस परियोजना के लिए योजना आयोग ने 1972 में सहमति दी थी। जिसपर काम 1978 में शुरू हुआ था लेकिन वो पूरा नहीं हो सका था।
I would be in Balrampur, Uttar Pradesh tomorrow, 11th December for a very special programme- inauguration of the Saryu Nahar National Project. This project will solve irrigation related problems in Eastern UP and help our hardworking farmers. https://t.co/FiEaGt1qDl
— Narendra Modi (@narendramodi) December 10, 2021
अटके काम तो बढ़ गई लागत
पीएमओ ने कहा, “किसान कल्याण और सशक्तिकरण के लिए प्रधानमंत्री के विजन और राष्ट्रीय महत्व की लंबे समय से लंबित परियोजनाओं को प्राथमिकता देने की उनकी प्रतिबद्धता ने परियोजना पर बहुत जरूरी ध्यान दिया।” नतीजतन, 2016 में, परियोजना को समयबद्ध तरीके से पूरा करने के लक्ष्य के साथ प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत लाया गया था। पीएमओ के मुताबिक परियोजना पर नए सिरे से ध्यान केंद्रित करने के परिणामस्वरूप परियोजना केवल चार वर्षों में पूरी हो गई है। इसपर काम मोदी सरकार में 2016 में शुरू हुआ था। सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना का निर्माण कुल 9,800 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से किया गया है, जिसमें से पिछले चार वर्षों में 4,600 करोड़ रुपये से अधिक का प्रावधान किया गया था।
पांच नदियों को जोड़ेगी
सरयू नहर परियोजना में क्षेत्र के जल संसाधनों का इष्टतम उपयोग सुनिश्चित करने के लिए पांच नदियों घाघरा, सरयू, राप्ती, बाणगंगा और रोहिणी को आपस में जोड़ा गया है। पीएमओ के अनुसार, यह परियोजना 14 लाख हेक्टेयर से अधिक भूमि की सिंचाई के लिए सुनिश्चित पानी उपलब्ध कराएगी और 6200 से अधिक गांवों के लगभग 29 लाख किसानों को लाभान्वित करेगी। इससे पूर्वी उत्तर प्रदेश के नौ जिले बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर, गोंडा, सिद्धार्थनगर, बस्ती, संत कबीर नगर, गोरखपुर और महाराजगंज लाभान्वित होंगे।