उद्घाटन समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल होंगी छत्तीसगढ़ की माननीय राज्यपाल अनुसुइया उइके द योग इंस्टीट्यूट, मुंबई की निदेशक डॉ. हंसाजी जे. योगेंद्र की गरिमापूर्ण उपस्थिति में होगा उद्घाटन समारोह।
रायपुर, छत्तीसगढ़, दिसंबर 2021- विश्व स्तर पर प्रतिष्ठित द योग इंस्टीट्यूट, मुंबई ने रायपुर में भी अपनी शाखा की शुरुआत करने का एलान किया है। योग इंस्टीट्यूट की रायपुर शाखा का उद्घाटन 16 दिसंबर 2021 को दोपहर 2 से 3 बजे तक आयोजित समारोह में किया जाएगा। उद्घाटन समारोह में छत्तीसगढ़ की माननीय राज्यपाल अनुसुइया उइके मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल होंगी और कुलदीप जुनेजा, माननीय विधायक, रायपुर उत्तर विशिष्ट अतिथि होंगे।
उद्घाटन समारोह प्रसिद्ध योग गुरु और दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित, 100 साल से अधिक पुराने संस्थान द योग इंस्टीट्यूट, मुंबई की निदेशक डॉ. हंसाजी जे. योगेंद्र की गरिमापूर्ण उपस्थिति में होगा। आज दुनिया भर में लाखों लोग शारीरिक और मानसिक रूप से फिट रहने के लिए योग की ओर रुख कर रहे हैं। इसलिए स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता और सकारात्मकता फैलाने के लिए योग संस्थान देशभर में अपने कामकाज का विस्तार कर रहा है। संस्थान की रायपुर शाखा की शुरुआत इसी दिशा में उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है।
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योग संस्थान की रायपुर शाखा शहर के मध्य में स्थित है, जिससे शहर भर के निवासी आसानी से यहां पहुँच सकते हैं। संस्थान की ओर से विभिन्न विभिन्न साप्ताहिक और मासिक स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन भी किया जाएगा, जिनसे रायपुर के स्थानीय लोगों को काफी लाभ होगा और वे अपने जीवन को और बेहतर बनाने की दिशा में प्रयास कर सकेंगे। योग संस्थान की रायपुर शाखा में ऐसे पाठ्यक्रम भी शुरू किए जाएंगे, जिनसे संस्थान की पहचान है। इन पाठ्यक्रमों में शामिल हैं- 21-दिवसीय बेहतर जीवन पाठ्यक्रम, उन्नत शिक्षक प्रशिक्षण पाठ्यक्रम, इत्यादि। इन पाठ्यक्रमों को सफलतापूर्वक पूरा करते हुए विद्यार्थी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त प्रमाण पत्र प्राप्त कर सकेंगे।
योग इंस्टीट्यूट, मुंबई की निदेशक डॉ. हंसाजी जे. योगेंद्र ने कहा, ‘‘आज पूरी दुनिया में योग के महत्व और इसकी उपयोगिता को समझा जाने लगा है, क्योंकि योग समय की कसौटी पर खरा उतरा है। यही कारण है कि दुनिया आज योग की आवश्यकता को महसूस करती है। तेजी से भागती दुनिया को दैनिक तनाव और शारीरिक बीमारियों को दूर करने के लिए योग के चिकित्सीय लाभों की आवश्यकता है। अगर हम योग के बारे में समग्र दृष्टिकोण रखते हैं, तो हमें इस बात का अहसास होगा कि छोटी-मोटी चोटों, मोटापा, पुरानी नींद की कमी, मानसिक बीमारी और कई और आधुनिक समस्याओं को कम करने में योग हमारे लिए मददगार साबित होता है। योग सभी आयु समूहों के लिए व्यायाम के सर्वाेत्तम और सुरक्षित रूपों में से एक है। साथ ही, योग की गहन अवधारणाएं बच्चों और वयस्कों में जीवन के मूल्यवान पाठों को विकसित करने में मदद कर सकती हैं।’’
अनुग्रह और ज्ञान के प्रतीक के रूप में प्रतिष्ठित डॉ. हंसाजी जे. योगेंद्र ने शांति, संतुलित जीवन और योग के वैश्विक प्रतीक के तौर पर अपनी जगह बनाई है। अब तक उन्होंने योग, स्वास्थ्य और मानसिक स्वास्थ्य पर 50,000 से अधिक प्रभावशाली सत्र आयोजित किए हैं और अपने गहन ज्ञान से लाखों लोगों को व्यक्तिगत रूप से परामर्श दिया है।
वह दुनिया भर में योग पाठ्यक्रम तैयार करने और योग नीति को आकार देने के लिए कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय समितियों में भी शामिल हैं। अपने गहन ज्ञान और गहन अनुभव के साथ, उन्होंने सभी उम्र के लोगों के जीवन को बदलने और उन्हे विभिन्न जीवन-संबंधी समस्याओं और बीमारियों से निजात दिलाने के लिए विशिष्ट प्रयास किए हैं। इस क्रम में उन्होंने विशेष तकनीकों, विशिष्ट स्वास्थ्य और कल्याण शिविरों और अद्वितीय सत्रों को डिजाइन किया है।
उनके मार्गदर्शन में किए गए परोपकारी कार्यों को मान्यता देते हुए माननीय प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने योग के प्रचार और विकास की दिशा में उत्कृष्ट योगदान के लिए योग संस्थान को प्रधान मंत्री पुरस्कार से सम्मानित किया। श्रीमती हंसाजी जे योगेंद्र को योग के क्षेत्र में असाधारण योगदान और उत्कृष्टता के लिए लंदन में ब्रिटिश संसद में यूके हाउस ऑफ कॉमन्स में भारत गौरव पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया है।
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योग संस्थान की स्थापना 1918 में प्रसिद्ध योग गुरु श्री योगेंद्रजी ने की थी, जिन्हें आधुनिक योग पुनर्जागरण के जनक के रूप में भी जाना जाता है। 25 दिसंबर 2018 को योग संस्थान ने अपनी शताब्दी के अवसर पर एक गरिमापूर्ण समारोह का आयोजन किया। इस समारोह में माननीय राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद और माननीय उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने भाग लिया।
योग संस्थान एक गैर-लाभकारी संगठन है और दुनिया में योग का सबसे पुराना और संगठित केंद्र है। संस्थान के पास योग के क्षेत्र में अभूतपूर्व कार्य करने की एक लंबी विरासत है। संस्थान ने ‘गृहस्थ योग’ आंदोलन के साथ-साथ सामाजिक सरोकार से संबंधित अनेक अभियान भी सफलतापूर्वक संचालित किए हैं। इनमें प्रमुख हैं- अन्नम ब्रह्मा (वंचित लोगों के लिए मुफ्त भोजन), मुफ्त चिकित्सा स्वास्थ्य शिविर, रक्तदान शिविर, सैन्य और पुलिस समग्र स्वास्थ्य कार्यक्रम, नगरपालिका और पश्चिमी रेलवे कर्मचारी कल्याण कार्यक्रम, इत्यादि।