
दुर्ग। दुर्ग जिले के ग्राम जजंगिरी में रोहिणी गौशाला के शुभारंभ के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जब पहुंचे तो उन्होंने मंच पर आसन ग्रहण न करते हुए संतों के सम्मान में नीचे बैठना उचित समझा। इस पर मौजूद संतों ने मुख्यमंत्री की प्रशंसा करते हुए कहा कि देश की परंपरा रही है कि धर्मगुरु ऊपर आसन पर विराजित होते हैं। मुख्यमंत्री ने यह परंपरा निभाई है, हम उनकी विनम्रता के लिए उनकी प्रशंसा करते हैं।
50 लाख देने की घोषणा
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने श्री राधे निकुंज आश्रम में किए जाने वाले विभिन्न कार्यों के लिए संस्थान द्वारा किये गए आग्रह पर 50 लाख रुपये की राशि देने की घोषणा भी की। संतों ने इस मौके पर मुख्यमंत्री के गोधन न्याय योजना की विशेष तौर पर प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि गौ माता के संरक्षण के लिए यह जो कार्य मुख्यमंत्री ने शुरू किया है वह प्रशंसनीय है।

सीएम ने कहा यह
इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी भारतीय परंपरा में धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष को जीवन का आधार कहा गया है। इसकी सबसे पहली कड़ी अर्थ है। गोधन और कृषि तभी सुदृढ़ होगी जब अर्थ सुदृढ़ होगा। इस दृष्टि से गोधन न्याय योजना शुरू की गई। आज संत समागम में जो हृदय से प्रशंसा आपने की, उससे लगा कि योजना अर्थ की दृष्टि से तो सफल हुई ही है संतों का आशीर्वाद भी इसे मिल गया है।