कोरबा। जिले से अजीबोगरीब मामला सामने आ रहा है, यहाँ सोमवार देर शाम मधुमक्खी के हमले में एक वनकर्मी की मौत हो गई। वह जंगल में चौकीदारी के लिए गया था। इसी दौरान मधुमक्खियों ने उस पर हमला कर दिया। उसके शरीर पर भागने के दौरान लगी चोट के निशान भी मिले हैं।
बताया जा रहा है कि करीब 2 घंटे वह जंगल में ही पड़ा तड़पता रहा। सूचना मिलने पर परिजन पहुंचे तो वह बेहोशी की हालत में पड़ा था। वहीं वन विभाग ने उसे अपना कर्मचारी मानने से ही इनकार कर दिया है। बालको क्षेत्र के ग्राम कछार निवासी बालकृष्ण यादव (38) वन विभाग में सुरक्षाकर्मी था। उसकी ड्यूटी गांव से लगे जंगल में लगी थी।
बताया जा रहा है कि सोमवार दोपहर वह ड्यूटी के लिए गया था। इसके बाद शाम को उसके घर पहुंचे एक ग्रामीण ने बताया कि मधुमक्खियों ने बालकृष्ण पर हमला किया है। वह जंगल में गया था तो पता चला। वहां बालकृष्ण घायल हालत में पड़ा था, लेकिन अकेले होने के चलते उसे ला नहीं सका है।
बेहोशी की हालत में अस्पताल लेकर पहुंचे परिजन
परिजन बालकृष्ण को तलाश करने जंगल में गए। तब तक डेढ़ से दो घंटे बीत चुके थे। परिजन मौके पर पहुंचे तो वहां बालकृष्ण उनको बेहोशी की हालत में मिला। इस पर परिजन उसे लेकर अस्पताल पहुंचे, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। परिजन ने बताया कि जंगल में भागने के दौरान बालकृष्ण को कई जगह चोट भी लगी थी। उसके पैरों पर चोट के निशान थे। बताया कि पिछले कई सालों से वह जंगल में चौकीदारी करता था।
बचने का प्रयास कर रहे अफसर
वन विभाग के अधिकारियों ने बालकृष्ण के वनकर्मी होने की बात से इनकार किया है। रेंजर लक्ष्मण पात्रे ने बताया कि जंगल में किसी चौकीदार की नियुक्ति नहीं की गई है। जंगल में मधुमक्खियों के काटने से एक युवक की मौत होने की जानकारी मिली है, लेकिन वह क्या करने गया था, इसका पता नहीं है। दूसरी ओर से यह बात भी निकल कर आ रही है कि करीब 9 माह से वनकर्मियों को वेतन नहीं मिला है। ऐसे में अफसर बचने का प्रयास कर रहे हैं।