गोरखपुर। एक बेटी की शादी की खातिर रुपयों की जरूरत पर मां ने ही अपनी दो बेटियों को गांव के मुखिया के यहां 50 हजार रुपये में गिरवी रख दिया। घटना बिहार के नरकटियागंज क्षेत्र की है। पीड़ित बेटियों ने मंगलवार को यह सनसनीखेज आरोप गोरखपुर में पुलिस के सामने लगाए। दोनों लड़कियां गांव के मुखिया के यहां बंधुआ रही दो अन्य लड़कियों के साथ किसी तरह भागकर अपनी मौसी के यहां सोमवार को गोरखपुर पहुंची थीं। लड़कियां परिजनों के साथ घर नहीं जाना चाह रही थीं, लेकिन बाल कल्याण समिति के समझाने के बाद देर शाम परिजनों के साथ चलीं गईं।
जानकारी के मुताबिक, बिहार के नरकटियागंज निवासी बीरा महतो की चार बेटियां हैं। वीरा महतो की कुछ साल पहले मृत्यु हो गई। बड़ी बेटी की शादी के लिए रुपयों की जरूरत पड़ी तो वीरा की पत्नी ने अपनी दो बेटियों को मुखिया के घर पर गिरवी रख दिया। इसके एवज में मुखिया से 50 हजार रुपये ले लिया। दोनों बेटियां तीन साल से मुखिया के घर काम कर रहीं थीं। इसी मुखिया के घर पश्चिम चंपारण के बेलवा बहुहरी निवासी मोती की दो बेटियां भी काम करती थीं। सोमवार को मौका पाकर चारों लड़कियां मुखिया के घर से भाग निकलीं और नरकटियागंज से ट्रेन पकड़कर सोमवार रात नौ बजे गोरखपुर आ गईं।
वीरा की दो बेटियों की मौसी गोरखपुर के बिछिया में किराए के मकान में रहती हैं। इन लड़कियों ने रेलवे स्टेशन से ही मौसी को फोन किया और आने की जानकारी दी। देर रात पैदल ही बिछिया के लिए निकल पड़ीं। आरोप है कि रास्ते में कुछ अराजकतत्व मिल गए और लड़कियों से छेड़छाड़ करने लगे। लड़कियों ने शोर मचाकर कुछ लोगों को बुलाया तो अराजकतत्व भाग निकले। किसी तरह सब मौसी के घर पहुंच गईं।
इसी बीच मंगलवार दोपहर लड़कियों के परिजन भी गोरखपुर आ गए। सब लड़कियों को बिहार ले जाने के प्रयास में जुट गए, लेकिन लड़कियां तैयार नहीं हुईं। लिहाजा, मामला कौवाबाग पुलिस चौकी पहुंच गया। पुलिस चौकी पहुंचकर लड़कियों ने आपबीती सुनाई और परिजनों के साथ बिहार जाने से इनकार कर दिया। उनका आरोप था कि परिजनों ने रुपयों के खातिर गिरवी रख दिया था। जिस मुखिया के घर पर बंधक बनाकर रखा गया था, वहां मारपीट की जाती थी। उधर, देर शाम शाहपुर पुलिस ने लड़कियों को महिला थाने भेज दिया। वहां से लड़कियों को एएचटीयू (एंटी ह्युमन ट्रैफिकिंग यूनिट) भेजा गया। एएचटीयू ने बाल कल्याण समिति (न्यायालय) के सामने लड़कियों को पेश किया। कमेटी की अध्यक्ष वंदना सिंह ने मामले को सुनने के बाद लड़कियों को समझा बुझाकर देर शाम परिजनों के साथ घर भेज दिया।