आपने एक कहावत सुनी होगी कि नाम में क्या रखा है लेकिन राजस्थान के धौलपुर जिले के एक गांव (Rajasthan Village) के लोगों का नाम ही उनके लिए मुसीबत बन गया है. यहां के ग्रामीणों का कहना है कि उनके लिए गांव ही सबकुछ है लेकिन उसके नाम की वजह से उन्हें लंबे समय से शर्मिंदगी उठानी पड़ रही है.
इस गांव के नाम से हो रही शर्मिंदगी से परेशान होकर ग्रामीणों ने स्थानीय विधायक से अपने गांव के नाम चोरपुरा (Chorpura) को बदलने की गुहार लगाई है. उन्होंने कुछ नाम भी सुझाए हैं जिनमें सज्जनपुरा (Sajjanpura) नाम भी शामिल है जिसका मतलब उसके वर्तमान नाम से एकदम उल्टा होता है.
रिश्ता करने से कतरा रहे लोग
ग्रामीणों का कहना है कि ‘खराब नाम’ न सिर्फ शर्मिंदगी की बात है बल्कि इससे उनके बच्चों के शादी के अच्छे प्रस्ताव भी लौट जा रहे हैं. कई शादियां तो सिर्फ इसी नाम की वजह से तय होते-होते टूट गई. वहीं स्थानीय कांग्रेस विधायक खिलाड़ीलाल बैरवा ने भी इस बात की पुष्टि करते हुए कहा था कि जनसुनवाई के दौरान कुछ दिन पहले ग्रामीणों का एक प्रतिनिधिमंडल गांव के नाम को बदलने की याचिका के साथ मिला था. वे लोग गांव के नाम को लेकर शर्मिंदगी महसूस कर रहे थे.
उन्होंने कहा कि मामले को बसेरी ब्लॉक के एसडीओ को भेज दिया है. यह गांव उन्हीं के क्षेत्राधिकार के अंतर्गत आता है. ग्रामीणों की पुरानी मांग के आधार पर तब सहानुभूतिपूर्वक विचार के लिए पैरवी की गई थी।
बुरी नजर से देखते हैं लोग!
पूरे देश में गांव-गांव में इंटरनेट और सोशल मीडिया का चलन बढ़ने के बाद बच्चों की शादी के लिए अच्छे रिश्ते आने बंद हुए तो सभी का ध्यान एकबार फिर इस समस्या की ओर गया. आपको बता दें कि यह गांव ममोदन ग्राम पंचायत के अंतर्गत आता है. इस छोटे से गांव में 100 परिवार हैं जो ज्यादातर कुशवाहा समुदाय से ताल्लुक रखते हैं. ग्रामीणों का ये भी कहना है कि उनके गांव के नाम की वजह से दूसरे गांव के लोग उन्हें बुरी नजर से देखते हैं।