नई दिल्ली। भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआइ) ने एक बेहद महत्वपूर्ण घटनाक्रम के तहत अमेरिकी रिटेल दिग्गज अमेजन इंक द्वारा दो वर्ष पहले फ्यूचर कूपंस लिमिटेड में हिस्सेदारी खरीदने संबंधी सौदे को दिया अपना अनुमोदन निलंबित कर दिया है। आयोग ने इस मामले में अमेजन इंक पर 202 करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया है। आयोग ने कहा है कि अमेजन ने इस सौदे में चुनिंदा प्रविधान का उल्लंघन किया। आयोग के इस फैसले से पहली नजर में रिलायंस-फ्यूचर सौदे की राह की बाधाएं खत्म होती नजर आ रही हैं। इसकी वजह यह है कि फ्यूचर ग्रुप में किए अपने उसी निवेश के दम पर अमेजन ने पिछले करीब डेढ़ वर्षो से मुकेश अंबानी नियंत्रित रिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड (आरआरवीएल) और किशोर बियानी नियंत्रित फ्यूचर ग्रुप का आपसी सौदा विभिन्न नियामकीय और न्यायिक मंचों पर अटका रखा है।
अमेजन के एक प्रवक्ता ने बयान में कहा कि हम सीसीआइ के आदेश की समीक्षा कर रहे हैं और उचित समय पर इस बारे में अगला कदम उठाएंगे। अपने 57 पन्नों के आदेश मंे सीसीआइ ने कहा कि अमेजन ने फ्यूचर कूपंस में किए गए निवेश के दौरान जान-बूझकर कुछ ऐसी शर्ते डाली हैं, जो इस सौदे के मूल उद्देश्यों को दबाने और छुपाने वाली प्रतीत होती हैं। नवंबर, 2019 में इस सौदे को अपनी मंजूरी देते वक्त ही सीसीआइ ने कह दिया था कि किसी भी समय अगर ऐसा लगा कि अमेजन द्वारा दी गई कोई भी जानकारी गलत है, तो उसी वक्त सौदा रद कर दिया जाएगा। उल्लेखनीय है कि रिलायंस और फ्यूचर के बीच सौदे के मामले में अमेजन और फ्यूचर का विवाद सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच चुका है, जो इस मामले की सुनवाई कर रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने इस वर्ष 29 नवंबर को अमेजन को दो सप्ताह की मोहलत देते हुए कहा था कि वह सीसीआइ के पास जाए और अपना पक्ष रखे। सीसीआइ ने अमेजन-फ्यूचर कूपंस सौदे पर सुनवाई स्थगित करने की अमेजन की याचिका ठुकरा दी थी।
अमेजन इंक की सहायक शाखा अमेजन डाट काम एनवी इन्वेस्टमेंट होल्डिंग्स एलएलसी ने फ्यूचर ग्रुप की शाखा फ्यूचर कूपंस में 49 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदी थी। फ्यूचर कूपंस की फ्यूचर रिटेल में 7.3 प्रतिशत हिस्सेदारी है। अमेजन के अनुसार उसने यह सौदा इस शर्त के साथ किया था कि अगले तीन से 10 वर्षो के दौरान उसे फ्यूचर रिटेल में और हिस्सेदारी खरीदने का मौका मिलेगा। हालांकि फ्यूचर ग्रुप ने पिछले वर्ष अगस्त में अपना लगभग पूरा रिटेल कारोबार 24,713 करोड़ रुपये में रिलायंस रिटेल वेंचर्स के हाथों बेचने संबंधी करार कर लिया। पिछले लगभग डेढ़ वर्ष से अमेजन ने विभिन्न न्यायिक मंचों के माध्यम से यह सौदा रोके रखा है। अमेजन का कहना है कि वर्ष 2019 में उसके साथ हुए समझौते के तहत फ्यूचर ग्रुप अगले वर्ष यानी 2020 में रिलायंस रिटेल के साथ ऐसा सौदा नहीं कर सकता है। वहीं, फ्यूचर ग्रुप का अब तक का तर्क यह रहा है कि रिलायंस और फ्यूचर के बीच हुए सौदे में फ्यूचर कूपंस कोई पार्टी ही नहीं है, जिसमें अमेजन ने निवेश किया हुआ है।