2021 को अलविदा और 2022 का स्वागत करने के लिए हम तैयार हो चुके हैं। ऐसे में इस बात का विश्लेषण करना आसान नहीं होगा कि हम इस साल स्वास्थ्य और तंदरुस्ती के मामले में कहां खड़े थे। हम में से कई लोग खुद पर गर्व महसूस कर रहे होंगे कि उन्होंने किस तरह घर के बने और पोषण से भरपूर खाने को चुनकर कैसे लाइफस्टाइल में बदलाव किया। वहीं, कई लोग स्क्रीन के आगे चिपके रहे और अपने सेहत को नुकसान पहुंचाया।
सुबह टहलना और फिटनेस रुटीन को फॉलो करना हमने एक बार फिर शुरू किया लेकिन ज़्यादातर वक्त हमने घर पर बिताया, ऑफिस का या घर का काम या फिर बच्चों के साथ क्लासेज़ लेने जैसे काम किए। हालांकि, भारत में फिटनेस और स्वस्थ रहने के प्रति लोगों को नज़रिया इस साल काफी बदला। योग से लेकर ध्यान और हेल्दी डाइट तक, लोगों ने अपनी लाइफस्टाइल में बड़े बदलाव किए।
2021 में छाया रहे ये 5 वेल्नेस ट्रेंड्स
1. तंदुरुस्त रहने का नया तरीका
माइंडफुल ईटिंग यानी सही तरीके से खाना खाना आजकल तंदुरुस्त रहने का नया ट्रेंड है। लोगों ने सुनहरे 15-20 मिनटों के महत्व को महसूस किया है और यह समझ है कि क्यों खाने के हर निवाले का आनंद लेने ज़रूरी है। सोच समझकर खाने से ही काफी फर्क महसूस किया जा सकता है। सही खाना चुनें जिससे तनाव का स्तर भी कम होता है।
2. सही तरीके से वज़न घटाना
2021 में लोग अपने घरों से काफी कम बाहर निकल पाए, लेकिन ऐसे में उन्हें मौका मिला कि वे वज़न कम करने के लिए सही खाने का चयन कर सकें। FAD डाइट जैसा आहार शरीर में पोषण की कमी कर देता है, साथ ही हॉर्मोन्स का संतुलन भी बिगड़ता है। इसलिए जल्दी से वज़न घटाने की जगह काफी नुकसान पहुंचाती है। इससे बेहतर है कि मौसमी फल, सब्ज़ियां, इनाज, बीज, नट्स, दालें खाएं और चीनी, सैचुरेटेड फैट्स और प्रोसेस्ड फूड्स का सेवन कम करें।
3. देसी सुपरफूड्स
जब हम पढ़ते हैं सुपरफूड्स के बारे में तो सबसे पहले हमारे दिमाग़ में आता है ब्रोकली, ब्लूबैरीज़, केल, किनुआ और ओलिव ऑयल। लेकिन सच यह है कि भारत में पाया जाने वाला आंवला, घी, रागी, मखाना, हल्दी, जौ, दही, मसाले और कटहल भी किसी सुपरफूड से कम नहीं हैं। लेकिन महामारी में लोगों को यह समझ आया कि ब्रोकली और केल अलावा कई ऐसे देसी सुपरफूड्स हैं, जो हमें मज़बूत बनाने का काम करते।
4. ध्यान
अचानक आई महामारी की वजह से लोग काफी तनाव में आ गए थे और इस यह समझ नहीं पा रहे थे कि आगे क्या किया जाएगा। ऐसे में लाखों लोगों ने योग और ध्यान का सहारा लिया था। माना जाता है कि योग और ध्यान का अभ्यास मन को स्पष्टता प्रदान करता है और चिंता के स्तर को प्रबंधित करता है।
वायरस ने हम सभी को सिखाया कि जीवन में कभी भी कुछ भी हो सकता है इसलिए हमें किसी भी तरह की चुनौती के लिए तैयार रहना चाहिए। ध्यान ने कई लोगों को लॉकडाउन के दौरान अपने मानसिक स्वास्थ्य में सुधार करने और व्यक्तिगत और वित्तीय नुकसान के जोखिम से पीड़ित होने पर भी सामाजिक अलगाव में मदद की है।
5. इंटरमिटेंट फास्टिंग
जैसा कि हम सबने देखा कि कैसे भारती सिंह ने इंटरमिटेंट फास्टिंग की मदद से काफी वज़न घटा लिया, जब उन्हें पता चला कि वह डायबिटीज़ का शिकार हो सकती हैं। इंटरमिटेंट फास्टिंग में अलग-अलग खाने के पैटर्न शामिल होते हैं। इंटरमिटेंट फास्टिंग कई तरह की होती हैं। 16:8 विधि के तहत, आप 16 घंटे तक लगातार उपवास करते हैं और 8 घंटे की खिड़की के बीच भोजन करते हैं।