बिलासपुर। कहते हैं मारने वाले से बचाने वाला बड़ा होता है। ऐसा ही वाक्या मुंगेली जिले के लोरमी से लगे सारिसताल गांव में देखने को मिली। यहां एक निर्मोही मां ने पैदा होने के बाद अपनी बच्ची को कुत्तों के बच्चों के साथ पैरावट में फेंकर चली गई। बच्ची के शरीर में एक कपड़ा भी नहीं था। खुले बदन बच्ची रातभर कुत्तों के बच्चों के साथ पड़ी रही। आखिरकार सुबह होने पर गांव के एक किसान ने बच्ची को देखकर इसकी सूचना पुलिस को दी। इसके बाद बच्ची को अस्पताल में भर्ती कराया गया। बाद में बच्चे को मुंगेली रेफर कर दिया गया।
बच्ची को बाल कल्याण समिति के सुपुर्द रखा गया है। समिति ने बच्ची का नाम आकांक्षा भी रख दिया गया है। मामले में लोरमी पुलिस आवश्यक कार्रवाई में जुट गई है। वहीं गांव की गर्भवती महिलाओं के बारे में जानकारी ली जा रही है। मितानिनों से पूछताछ भी हो रही है। मालूम हो कि सारिसताल के किसान भैयालाल के पैरावट में नवजात बच्ची सुबह कुत्ते के बच्चों के बीच में मिली।
सरपंच के माध्यम से मिली सूचना पर मौके पर पहुंची लोरमी पुलिस ने मामले की जांच करते हुऐ चाइल्ड लाइफ मुंगेली को सूचित किया। इस पर बच्ची को अपने कब्जे में लेकर जांच के लिए लोरमी अस्पताल लाया गया।
बच्ची पूरी तरह से स्वस्थ है। इधर उस निर्मोही मां को लेकर ग्रामीणों सहित आसपास के लोगों के बीच में चर्चा का विषय बना हुआ है कि कैसे उसे कंपकंपी रात में बच्ची को छोड़ दिया गया। साथ ही पूरी रात कुत्तों के बीच कटी। कुत्ते के बच्चों ने तनिक भी नुकसान नहीं पहुंचाया। लोग इसे एक चमत्कार के रूप में भी देख रहे हैं।