रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में आज मुख्यमंत्री भूपेश बघेल एक मीडिया समूह द्वारा आयोजित ‘किसानों की बात’ कार्यक्रम में शामिल हुए। इस कार्यक्रम में किसान नेता राकेश टिकैत को भी आमंत्रित किया गया था। इस कार्यक्रम में शामिल मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपनी बात रखते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ भी कोरोना जैसी विकट महामारी के दौर से गुजरा है, लेकिन प्रदेश के किसानों को कभी निराश नहीं होना पड़ा है। ना केवल किसान, बल्कि प्रदेश के पशुपालकों और वनोपज संग्राहकों को भी विपरीत परिस्थितियों के बावजूद सरकार का साथ मिला है।
मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि उद्योग का पहिया तब घूमेगा जब व्यापारी उनसे सामान ख़रीदेंगे और व्यापारी सामान तब बिकेगा जब जनता के जेब में पैसा होगा। अर्थव्यवस्था बचाने के लिए जनता के जेब में पैसा डालना पड़ेगा। सीएम ने कहा कि मैंने कुछ नहीं किया है। मैंने केवल ग्राहकों की जेब में पैसा डाला है।
अरवा चावल का करें उत्पादन
सीएम बघेल ने केंद्र की नीति और फरमान पर प्रहार करते हुए कहा कि मोदी सरकार ने उसना चावल लेने से अचानक इंकार कर दिया, ऐसे में प्रदेश के 500 राइस मिलर्स का क्या होगा, यह चिंता का विषय है। सीएम बघेल ने इस मंच से प्रदेश के किसानों से अपील की है कि वे अब केवल अरवा चावल का ही उत्पादन करें।
धान से एथेनॉल की अनुमति क्यों नहीं
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि गन्ना से, मक्का से एथेनॉल की अनुमति है, लेकिन धान से एथेनॉल की अनुमति नहीं दी जा रही है, जबकि केंद्र सरकार से इस बात की अनुमति मिलती है, तो जहां अनाज का सही उपयोग होना शुरु हो जाएगा, तो वहीं किसानों को उचित कीमत भी मिलेगी और वे ज्यादा संपन्न हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि अनुमति मिल गई होती, तो बीते साल ही प्लांट शुरु हो गया होता।
किसानों को मिलता रहेगा हक
सीएम बघेल ने कहा कि सरकार प्रदेश में किसानों को हक दिलाने में सफल साबित हुई है और वह उन्हें मिलता रहेगा, लेकिन किसानों की आड़ में किसी को बेजा अधिकार भी नहीं लेने दिया जाएगा। सीएम बघेल ने किसानों, पशुपालकों से अपील की है कि वे वर्मी कम्पोस्ट बनाने की दिशा में ज्यादा ध्यान दें। डीएपी की कमी से किसी तरह का नुकसान नहीं होगा।