बदलती दुनिया में जहां तकनीक ने लोगों का काम आसान कर दिया है और सब काम तेजी से हो रहा है, लोग ढेर सारे पैसे कमा रहे हैं। लेकिन बदलाव हमेशा सकारात्मकता ही लेकर आता है, यह नहीं कहा जा सकता। बदलाव के कई नकारात्मक परिणाम भी देखने को मिलते हैं। यही बात तकनीक और पैसे के साथ फिट बैठती भी दिख रही है। कोरोना काल ने इस कड़ी में एक अलार्म जरूर बजाया लेकिन यह दुनिया कहां रुकने वाली है। इसके बावजूद भी दुनिया के कई हिस्सों में लोग अब सुकून चाह रहे हैं। दक्षिण कोरिया से एक हैरान करने वाला सर्वे सामने आया है जहां लोग सिर्फ सुकून ढूंढ रहे हैं। इतना ही नहीं यह लोग जेल जाने के लिए भी तैयार हैं।
दरअसल, इनसाइडर ने अपनी एक ऑनलाइन रिपोर्ट में इस सर्वे के बारे में विस्तार रूप से बताया है कि लोग रोजमर्रा की जीवनशैली से तंग आ चुके हैं और वे शांति ढूंढ रहे हैं। कुछ जगहों पर तो यह देखा गया कि शांतिप्रिय जगहों के लिए लोग पैसे भी चुका रहे। वे अपना मोबाइल तक बेचने के लिए तैयार हैं और अपना घर बार सब छोड़ देना चाहते हैं। ‘वाशिंगटन पोस्ट’ ने भी अपनी एक रिपोर्ट में इस बात की चर्चा करते हुए लिखा कि इस टर्म को वहां ‘हिटिंग मंग कल्चर’ का नाम दिया गया है, साथ ही रिपोर्ट में कई ऐसे तस्वीरें भी पोस्ट की गई हैं जिनमें लोग शांति के लिए बेचैन दिख रहे हैं।
इन रिपोर्ट्स के अलावा हाल ही में दैनिक भास्कर ने अपनी एक रिपोर्ट में केस स्टडी करते हुए पाया कि लोग एक दूसरे को देखना तक नहीं चाह रहे हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि इसका कारण यह है कि दक्षिण कोरिया में लोग काम के दबाव से तंग आ चुके हैं। कोरोना काल ने यह स्थिति और भयावह कर दी है। यहां लोगों में पैसा खर्च कर शांति खोजने की प्रवृत्ति बढ़ती जा रही है। यहां एक कंपनी में काम करने वाली 39 वर्षीय हान ये-जंग लंबी शिफ्ट के बाद सुकून की तलाश में हैं। वे कहती हैं कि जीवन में तनाव बढ़ जा रहा है। मेरे साथी भी ऐसा महसूस कर रहे हैं। मैं कुछ दिन पहले पैदल जा रही थी और एक शख्स मुझसे टकरा गया। पहले की स्थिति में दोनों माफी मांगते और अपने रास्ते पर चले जाते, लेकिन अब हर कोई इतने गुस्से में रहता है कि झगड़े शुरू हो जाते हैं।
इतना ही नहीं रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि सर्वे के मुताबिक दक्षिण कोरिया की 73 प्रतिशत आबादी खुद को तनावग्रस्त मान रही है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, दक्षिण कोरियाई समाज को काफी प्रतिस्पर्धी माना जाता है। मेट्रो डॉट कॉम ने बताया कि तनाव, चिंता और बैचेनी से बाहर निकलने के लिए लोग परिवार के बिना सुकून वाली जगह की भी तलाश कर रहे हैं। इस दौरान वे नोटपैड और पेन के अलावा अपने पास कुछ भी नहीं रखते हैं। वे वादियों को या फिर समुद्र, नदी के किनारों पर बैठकर उन्हें घंटों निहार रहे हैं।
एक और केस स्टडी में बताया गया कि दक्षिण कोरिया के गंगवोन प्रांत में हैप्पीटरी फाउंडेशन ने एक जेल तैयार की है, इसमें नोटपैड और पैन के साथ लोग काफी घंटे तक रह सकते हैं। इसके अलावा अन्य जगहों पर यह नजारा अब आम है। कई कंपनियां भी संघर्ष कर रही हैं, हर कोई तनाव में डूबा हुआ है। फिलहाल दक्षिण कोरिया का हिटिंग मंग कल्चर वहां काफी लोकप्रिय हो रहा है।