रायपुर। छत्तीसगढ़ में बीते तीन दिनों से कड़ाके की ठंड पड़ रही है। प्रदेश के सबसे गर्म इलाकों में शामिल रायपुर, बिलासपुर, बेमेतरा और जांजगीर—चांपा में सिहरन पैदा करने वाली ठंड का अहसास लोगों को हो रहा है। दिनभर की धूप भी लोगों को कम पड़ रही है, ऐसे में शाम को अलाव का सहारा लिया जा रहा है, लेकिन उससे भी राहत नहीं मिल पा रही है।
सालों पर छत्तीसगढ़ में ऐसी कड़ाके की ठंड का अनुभव प्रदेश के लोगों को हो रहा है। बीते साल भी ठंड ने असर दिखाया था, लेकिन इस बार के मुकाबले बीते एक दशक में इतनी कड़ाके की ठंड नहीं पड़ी है। सालों बाद ऐसा अवसर आया है, जब प्रदेश के हर हिस्से में सिहरन पैदा करने वाली ठंड का सामना लोगों को करना पड़ रहा है। दिन भी लोग गर्म कपड़ों का सहारा लेने के लिए मजबूर हुए हैं।
छत्तीसगढ़ के शिमला कहलाने वाले अंबिकापुर जिले के मैनपाट, सामरी पाट में हालत ऐसी है कि यहां पर ओस की बूंदे भी बर्फ बन जा रही हैं। यहां पर पारा 1 डिग्री तक पहुंच गया है। कुछ ऐसी हालात कवर्धा जिले के चिल्फी घाट का भी है, जहां पर ओस की बूंदे बर्फ बन रही हैं। जिसकी वजह से प्राकृतिक सौंदर्यता निराली हो गई है और पर्यटकों की भीड़ बढ़ती ही जा रही है।
हाड़ कपा देने वाली ठंड
राजधानी रायपुर के आउटर में भी हाड़ कपा देने वाली ठंड पड़ रही है। सोमवार रात को शहर के आउटर में तापमान 5 डिग्री तक पहुंच गया। इधर अंबिकापुर और पेंड्रा रोड में तापमान 5 डिग्री के आसपास रहा। जशपुर जिले में आज सुबह तापमान 3 डिग्री तक दर्ज किया गया। ठंड से पठारी क्षेत्रों में ओस की बर्फ की चादर नजर आई। जानकारी के अनुसार पंडरापाठ, महनई, नन्हेंसर, सन्ना समेत कई इलाकों में ओस की बूंदें जम गई।
देशभर में पड़ी कड़ाके की ठंड पिछले साल दिसंबर की तुलना में ज्यादा है। जैसे रायपुर में 2020 में दिसंबर का न्यूनतम तापमान सबसे कम 21 तारीख को 10.5 डिग्री तक गिरा था। इस साल 20 दिसंबर को 9.5 है।