दुर्ग। शीतलहर को देखते हुए कलेक्टर डॉ सर्वेश्वर नरेंद्र भूरे ने बड़ा फैसला लिया है. आदेश के मुताबिक 24 से 28 दिसम्बर तक स्कूलों में अवकाश की घोषणा की है. बता दें कि दुर्ग जिले में लगातार दूसरे दिन 6 डिग्री से नीचे पारा रहा है. बढती ठंड को देखते हुए ये फैसला लिया गया है. वही कलेक्टर के निर्देश पर शहरी और ग्रामीण क्षेत्रो में अलाव की व्यवस्था की जा रही है. बता दें कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ राज्य में कुछ दिनों से पड़ रही कड़ाके की ठंड और शीत लहर के प्रकोप को देखते हुए जरूरतमंदों के लिए कलेक्टरों को जिलों में आवश्यक उपाय किए जाने के निर्देश दिए हैं।
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दुर्ग। शीतलहर को देखते हुए कलेक्टर डॉ सर्वेश्वर नरेंद्र भूरे ने बड़ा फैसला लिया है. आदेश के मुताबिक 24 से 28 दिसम्बर तक स्कूलों में अवकाश की घोषणा की है. बता दें कि दुर्ग जिले में लगातार दूसरे दिन 6 डिग्री से नीचे पारा रहा है. बढती ठंड को देखते हुए ये फैसला लिया गया है. वही कलेक्टर के निर्देश पर शहरी और ग्रामीण क्षेत्रो में अलाव की व्यवस्था की जा रही है. बता दें कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ राज्य में कुछ दिनों से पड़ रही कड़ाके की ठंड और शीत लहर के प्रकोप को देखते हुए जरूरतमंदों के लिए कलेक्टरों को जिलों में आवश्यक उपाय किए जाने के निर्देश दिए हैं।मुख्यमंत्री ने कलेक्टरों को सार्वजनिक स्थलों विशेषकर चौक-चौराहों, रेल्वे स्टेशन, बस स्टैंड, यात्री प्रतीक्षालय आदि में रात्रि के समय अलाव की व्यवस्था सुनिश्चित करने के साथ ही स्वयंसेवी, समाजसेवी संस्थाओं, दान-दाताओं की मदद से बेसहारा एवं जरूरतमंद लोगों को गर्म कपड़े एवं कम्बल आदि वितरण कराए जाने को कहा है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि शीत लहर के प्रकोप के चलते जरूरतमंदों को किसी भी तरह की परेशानी न हो, इसका विशेष रूप से ध्यान रखा जाना चाहिए।ALSO READ : BREAKING NEWS : ओमिक्रॉन वेरिएंट से फरवरी में आ सकती है कोरोना की तीसरी लहर, एक दिन में 1.5 लाख तक आ सकते हैं केसयहां यह उल्लेखनीय है कि आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा जारी प्रदेश के विभिन्न भागों में शीत लहर के प्रकोप को देखते हुए जनसामान्य को शीत-घात से बचने के लिए सामयिक सलाह दी गई है। आपदा प्रबंधन विभाग ने लोगों को शीत-घात से बचने के लिए एहतियात के तौर पर भोजन, पानी, ईधन, बैटरी चार्जर, आपातकालीन प्रकाश और साधारण दवाओं की व्यवस्था करने की सलाह दी है। शीत के प्रकोप से बचने के लिए लोगों को गर्म कपड़े, कम्बल आदि का उपयोग करने, खिड़की-दरवाजें अच्छी तरह से बंद रखने तथा आवश्यकतानुसार सुरक्षित तरीके से अलाव की व्यवस्था भी करने को कहा गया है।घर से बाहर निकलते समय नाक, कान और मुंह को अच्छी तरह से ढककर रखने की सलाह दी गई है। बुजुर्ग लोगों, नवजात शिशुओं तथा बच्चों का विशेष ध्यान रखने के साथ ही आवश्यकता अनुसार रूम हीटर का उपयोग दौरान पर्याप्त हवा निकासी का प्रबंध रखने को कहा गया है। कमरों को गर्म करने के लिए कोयले का प्रयोग न करें।