रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में आयोजित धर्म संसद में आमंत्रण पर आए कालीचरण महाराज ने महात्मा गांधी को लेकर जो टिप्पणी की, नाथूराम गोडसे को प्रणाम किया, उस पर बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एक तरफ जहां सख्त प्रशासनिक कार्रवाई की बात कही है, तो उन्होंने राहुल गांधी के ‘हिन्दू’ और ‘हिन्दुत्ववादी’ वाले बयान को उदाहरण देकर समझाया है।
चूहों के बिल में अगर पानी डालो तो एक साथ छटपटा कर बाहर भागते हैं, अफरा तफरी मच जाती है।
राहुल गांधी जी ने देश के सामने 'हिन्दू' और 'हिंदुत्ववादी' का जबसे अंतर स्पष्ट किया है, हिंदुत्ववादियों की टोली में अफरा-तफरी मच गई है।
इन पाखंडियों की वर्षों की नफरत की दुकान बंद हो रही है। pic.twitter.com/QkiJo3RE4c
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) December 27, 2021
दरअसल, कालीचरण महाराज को छत्तीसगढ़ में आयोजित धर्म संसद में आमंत्रित किया गया था। बतौर वक्ता उन्होंने पहले तो महापंडित रावण रचित ‘शिव तांडव’ का पाठ किया, उसके बाद राजनीतिक विषयों पर बात करते हुए उन्होंने महात्मा गांधी को लेकर आपत्तिजनक टिप्प्णी की। वे यहीं नहीं रुके, बल्कि नाथूराम गोडसे को जब उन्होंने प्रणाम किया, तो ‘जय—जय श्रीराम’ के जयघोष ने बड़ा बवाल कर दिया।
इस मामले को लेकर महंत राम सुदंर दास ने जहां कड़ी आपत्ति की और आयोजन छोड़कर चले गए, तो प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम के नेतृत्व में कांग्रेस नेता प्रमोद दुबे ने कालीचरण महाराज के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज करा दिया।
इस विषय को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के कड़े तेवर सामने आए। उन्होंने कहा कि धार्मिक और सामाजिक उन्माद फैलाने वालों को माफ नहीं किया जा सकता। वहीं उन्होंने भाजपा को आड़े हाथ लेते हुए जमकर निशाना साधा है।