रायपुर। जो व्यक्ति ईमानदारी, निष्ठा, लगन व पूरी तन्मयता के साथ लगातार कड़ी मेहनत करता है। वह व्यक्ति किसी भी क्षेत्र में हो सफलता का मुकाम अवश्य हासिल करता है। भिलाई के 20 वर्षीय एस. धनंजय ने खेल के क्षेत्र में अपनी मेहनत के बलबूते शतरंज की दुनिया में अपना पहला इंटरनेशनल मास्टर का नार्म प्राप्त कर एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है ।
हाल ही में स्पेन के बार्सिलोना व सिटजेस में सम्पन्न हुई अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने पर उन्हें यह नार्म प्राप्त हुआ है। एस धनंजय ने जानकारी देते हुए बताया कि इंटरनेशनल मास्टर का टाइटल प्राप्त करने के लिए तीन नॉर्मों की जरूरत पड़ती है। इसके लिए नॉर्म वाली टूर्नामेंट में इंटरनेशनल मास्टर्स व ग्रैंड मास्टर्स जैसे दिग्गज खिलाड़ियों से मुकाबला करते हुए बाजियां जीतनी पड़ती है।
धनंजय ने आगे बताया कि स्पेन के बार्सिलोना में संपन्न 43 वीं अंतरराष्ट्रीय डेल वेल्स शतरंज प्रतियोगिता में उप विजेता बने तथा आठवीं सनवे सिटजेस इंटरनेशनल चेस फेस्टिवल में उम्दा खेल का प्रदर्शन कर पहला नार्म पाने में कामयाब हुए हैं ।
इस दौरान उन्होंने 2 ग्रैंड मास्टर , 6 इंटरनेशनल मास्टर व 4 फीडे मास्टर के विरुद्ध खेला था।
चेस फेस्टिवल में 50 से ज्यादा देशों के खिलाड़ियों ने शिरकत किया था जिसमें मेजबान स्पेन के अलावा अन्य प्रमुख देशों में भारत,इंग्लैंड, चाइना, जर्मनी, रूस,नीदरलैंड,फ्रांस ,आस्ट्रिया, उज्बेकिस्तान आदि शामिल है।
बने छत्तीसगढ़ के सर्वश्रेस्ट खिलाड़ी
स्पेन जाने से पहले धनंजय की ईलो रेटिंग 2152 थी । वर्तमान में इन्होंने 2310 के आंकड़े को टच किया है। इस तरह से धनंजय ने इंटरनेशनल टूर्नामेंट में अपना बेस्ट परफॉर्मेंस देते हुए 150 अंकों का इजाफा कर छत्तीसगढ़ के शीर्ष खिलाड़ी के रूप में अपना नाम शुमार कर लिया।
स्पेन से पड़ी मुंगेली ट्राफी पर नजर
धनंजय ने स्पेन से अपने गृहनगर लौटते वक्त योजना बना ली थी कि 25 तारीख को सीधे रायपुर पहुँचते ही मुंगेली ट्रॉफी के लिये कुच करना है और उन्होंने ऐसा ही किया। एयरपोर्ट से सीधे घर न जाकर मुंगेली चले गए। 25 दिसम्बर से 27 दिसंबर तक चली राज्य स्तरीय स्पर्धा मुंगेली ट्रॉफी पर भी धनंजय ने बिना कोई मैच हारे अपना कब्जा जमाया। जहां ट्रॉफी के साथ 15000 रुपये की नगद राशि इनाम स्वरूप लिया।
CGOA होरा ने की आर्थिक सहायता दिलाने की बात
मुंगेली से चैंपियन बनकर लौटने के बाद धनंजय ने अपने प्रेरणास्रोत व मार्गदर्शक छत्तीसगढ़ प्रदेश शतरंज संघ के महासचिव विनोद राठी व संघ के संरक्षक व छत्तीसगढ़ ओलंपिक संघ के सचिव गुरुचरण सिंह होरा से उनके भिलाई स्थित कार्यालय आकर आशीर्वाद लिया व प्रथम मुंगेली ट्रॉफी राठी को भेंट किया। इस दरमियान गुरुचरण ने धनंजय को बधाई देते हुए आगे प्रशिक्षण हेतु छत्तीसगढ़ शासन से यथोचित आर्थिक सहायता दिलाने की बात कही।
संघ के पदाधिकारियों ने कराया अभ्यास
धनंजय ने अपनी इस उपलब्धि का पूरा-पूरा श्रेय छत्तीसगढ़ प्रदेश शतरंज संघ के संरक्षक गुरुचरण सिंह होरा व महासचिव विनोद राठी को देते हुए कहा कि स्पेन में खेलने के लिए मुझे संघ के पदाधिकारियों ने न सिर्फ प्रेरित किया अपितु मिशन 2023 के तहत एक विशेष रणनीति अपनाते हुए मुझे ऑनलाइन मैचों का अभ्यास कराया, मेरे खेले हुए गेमों का एनालिसिस कर मेरी कमियों को दूर करने में मदद की, जिस कारण से मैं स्पेन के लिए मानसिक रूप से तैयार हो सका।
प्रदेश शतरंज संघ के सदस्यों ने की उज्ज्वल भविष्य की कामना
धनंजय की इस उपलब्धि पर छत्तीसगढ़ प्रदेश शतरंज संघ के संघ के अध्यक्ष राघवेंद्र सिंघानिया ,सचिव हेमन्त खुटे एवं संघ के अन्य वरिष्ठ पदाधिकारियों में एम चंद्रशेखर ,विश्वास मेश्राम ,सुरेश जाजू , किरण अग्रवाल, भावना बोहरा ,ललित भंसाली ,आनंद अवधिया ,ईश्वर सिंह राजपूत ,सरोज वैष्णव ,विकास शर्मा ,शशांक शेंडे ,सुबोध सिंह एवं प्रदीप दास के अलावा कोच रविकुमार, रोहित यादव, आनंद अवधिया व अलंकार भिवगड़े ने भी बधाई देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की है।