छत्तीसगढ़ में पाकिस्तान की एक संस्था दावत ए इस्लामी को सामुदायिक भवन बनाने के नाम पर 10 हेक्टेयर जमीन देने की तैयारी चल रही है। इसका दावा करते हुए पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने रायपुर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने कहा कि इस संस्था का ताल्लुक पाकिस्तान के कराची शहर से है, वहीं इस संस्था की स्थापना 80 के दशक में हुई। अब रायपुर में इस संस्था को जमीन देने की तैयारी है।
बृजमोहन अग्रवाल ने दावा किया कि दावत ए इस्लामी के विदेशी फंडिंग, आतंकवादी गतिविधियों में शामिल रहने और धर्मांतरण करने के मामले सामने आ चुके हैं। उन्होंने आगे कहा कि कई ऐसी संस्थाएं हैं जिनके आवेदन 10 सालों से पेंडिंग पड़े हैं, मगर 2020 में आवेदन करने वाली इस संस्था को अब फौरन जमीन देने की तैयारी है। इसका इश्तिहार छपवाया गया है, बृजमोहन अग्रवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में मांग करते हुए सरकार से कहा कि सरकार यह बताए कि इस संस्था का हेड क्वार्टर कहां है और इस संस्था को इतने फौरी तौर पर जमीन देने की क्या जरूरत।
यह है दावत ए इस्लामी
दावत-ए-इस्लामी पाकिस्तान में स्थित एक सुन्नी इस्लामी संगठन है । दुनिया भर में इसके कई इस्लामी शिक्षण संस्थान हैं। ये इस्लाम की तालीम देने और सामाजिक कार्य करने का दावा करते हैं। इसकी स्थापना 1981 में कराची, पाकिस्तान में मौलाना अबू बिलाल मुहम्मद इलियास अत्तर ने की थी। दावत-ए-इस्लामी दुनिया के 194 से अधिक देशों में सक्रिय है। इसके नाम का मतलब इस्लाम की ओर आमंत्रण है।
पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर का ट्वीट
कालीचरण की रिहाई की मांग
26 दिसंबर को रायपुर में धर्म संसद के आयोजन के दौरान महात्मा गांधी के खिलाफ अपशब्दों का प्रयोग करने वाले महाराष्ट्र के संत कालीचरण को फिलहाल गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। इस मामले में पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि हम उनकी रिहाई की मांग करते हैं, उन्हें गिरफ्तार किया जाना महात्मा गांधी के सिद्धांतों के खिलाफ है जो सहिष्णुता को बढ़ावा देने पर जोर देते हैं। अग्रवाल ने कहा कि कालीचरण को रिहा करवाने की कोशिशें जारी है जरूरत पड़ी तो भाजपा भी सहयोग करेगी।